सोनीपत में भाजपा का डैमेज कंट्रोल !

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दक्ष दर्पण समाचार सेवा

चण्डीगढ़

ऐसा लगता है कि सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के जोश को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने डैमेज कंट्रोल पर ध्यान देना शुरू कर दिया है । बताया गया है कि पार्टी के उम्मीदवार मोहनलाल बडोली के नामांकन कार्यक्रम में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपने साथ एक विशेष मकसद के तहत राज्यसभा सांसद कृष्ण लाल पवार को लेकर पहुंचे। इसका मकसद हलके में दलित समाज के मतदाताओं को प्रभावित करना मतलब डैमेज कंट्रोल करना भी रहा। प्राप्त जानकारी के अनुसार सोनीपत में पार्टी के पास यह सूचना है कि जिले में मजबूत दलित नेतृत्व नहीं होने के कारण पार्टी उम्मीदवार को इस वर्ग के मतदाताओं में नुकसान हो सकता है। यह स्थिति तो तब है जब पार्टी ने कथित तौर तर पूर्व सांसद की संस्तुति पर एक दलित को जिला अध्यक्ष बनाया था।इसलिए समय रहते इस और ध्यान देना जरूरी समझा गया। कृष्ण लाल पवार सोनीपत के सीमावर्ती विधानसभा क्षेत्र का लंबे समय से प्रतिनिधित्व करते आ रहे हैं और उनकी पहचान एक सकारात्मक नेता की है। नम्र स्वभाव के श्री पवार सोनीपत लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के काम आ सकते हैं। पार्टी चुनाव प्रचार में उनकी खास ड्यूटी भी लगा सकती है ।इसी तरह की खबरे मिलने के बाद पार्टी ने एक दो ब्राह्मण नेताओं को भी ब्राह्मण मतदाताओं की नब्ज टटोलने और नाराज बंधुओं को मुख्य धारा में लाने की ड्यूटी सौंपी है। पार्टी के नेता इस क्षेत्र के ब्राह्मण मतदाताओं को यह पाठ पढ़ाने की कोशिश करेंगे कि वे क्षेत्र के ब्राह्मण नेतृत्व की तुलना में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथों में खेलने वाले ब्राह्मणों को अधिमान न दें। इसके पीछे के मंतव्य और मकसद को समझें। यद्यपि कांग्रेस के जोश और उत्साह से भाजपा नेतृत्व अनभिज्ञ नहीं है लेकिन वह समय रहते डैमेज कंट्रोल करने में लग गया है। जानकार इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि भाजपा के पास संगठन है जो कांग्रेस के पास नहीं है और भाजपा के लोग डैमेज कंट्रोल कर लेने में सिद्धहस्त हैं । बीजेपी के नेता अब भी यह मानकर चल रहे हैं कि सोनीपत में उनकी जीत में कोई संदेह नहीं है परंतु उन्हें पहले से ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी और उचित प्रबंधन से चुनाव लड़ना होगा। पार्टी सोनीपत हलके के जींद जिले के तीन विधानसभा क्षेत्रों पर विशेष तौर पर फोकस करके चल रही है और मौजूदा चुनाव में भी इन तीनों हलको में हर हालत में जीत और बढ़त को सुनिश्चित करने पर विशेष फोकस किया जा रहा है। यहां की स्थिति पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल विशेष नजर रख रहे बताए गए हैं। पार्टी अपने दलित वोट बैंक को साथ जोड़े रखने के लिए श्री पवार के अलावा कुछ और दलित नेताओं को भी चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी दे सकती है।

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