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दक्ष दर्पण समाचार सेवा
चंडीगढ़, 5 दिसंबर –हरियाणा सरकार ने गांवों और शहरों में पर्याप्त और सुरक्षित पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए एक मजबूत और व्यापक पेयजल ढांचा विकसित किया है। जनस्वास्थ्य एवं आभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) हरियाणा में 1,870 नहर-आधारित जल योजनाओं, 12,920 ट्यूबवेलों, 9 रैनी वेल और 4,140 बूस्टिंग स्टेशनों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति कर रहा है।
राज्य में नहर आधारित जलापूर्ति की व्यवस्था हैं, जिसमें भाखड़ा मेन लाइन (बीएमएल) नहर, पश्चिमी यमुना नहर प्रणाली और लिफ्ट सिंचाई प्रणाली शामिल हैं। विशेष रूप से सिरसा जिले में पेयजल आपूर्ति पूरी तरह भाखड़ा मेन लाइन नहर पर आधारित है, जो लगभग पूरे वर्ष पानी उपलब्ध कराती है।
विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि सिरसा लोकसभा क्षेत्र के शहरी हिस्से में कहीं भी पेयजल की कमी नहीं है। विभाग इस क्षेत्र में 456 नहर-आधारित जल योजनाओं, 886 ट्यूबवेलों और 297 बूस्टिंग स्टेशनों के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति कर रहा है। वर्तमान में, ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 55 लीटर (LPCD) की दर से पेयजल उपलब्ध करवाया जा रहा है। गांव दहमन और खारा खेड़ी में अभी 40 एलपीसीडी पानी मिल रहा है। इसे 55 एलपीसीडी करने का कार्य तेज़ी से चल रहा है और इसे मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है।
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि नहर प्रणाली में पानी की उपलब्धता में कमीं आने के कारण कई बार नहर जल आपूर्ति बाधित हुई है। इसके बावजूद राज्य सरकार हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत राज्य ने 6 अप्रैल 2022 को वह उपलब्धि हासिल की थी, जब सर्वेक्षण में दर्ज सभी 30.41 लाख ग्रामीण परिवारों को पेयजल कनेक्शन प्रदान किए गए थे।
प्रवक्ता के अनुसार, राज्य सरकार पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की सुचारू कार्यक्षमता सुनिश्चित करने के लिए ढांचागत सुधारों को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है। इसके तहत नई तकनीक का उपयोग भी किया जा रहा है।
