मास्टर सत्यपाल कौशिक की श्रद्धांजलि सभा में उमड़ा शुभचिंतकों का जनसैलाब।पिता की स्मृति में एक करोड़ रुपए के धर्म-कर्म की घोषणा पर योग्य पिता की योग्य संतान कहे हुए शशिकांत कौशिक।

0 minutes, 5 seconds Read
Spread the love

दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com

चुलकाना धाम (समालखा)
क्षेत्र के प्रमुख समाज सेवी, शिक्षाविद पानीपत जिले के चुलकाना गांव के मास्टर सत्यपाल पोषित की स्मृति में बुधवार 15 मार्च को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में क्षेत्र के हजारों की संख्या में उपस्थित सर्व समाज के लोगों ,सामाजिक धार्मिक और आध्यात्मिक पक्ष के गणमान्य और अग्रणी नागरिकों ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके निधन को अपूरणीय क्षति बताया और सभी परिजनों , रिश्तेदारों तथा दिवंगत के इकलौते पुत्र शशिकांत कौशिक को श्रवण तुल्य सुपुत्र बताते हुए हर परिस्थिति में उनके साथ खड़े रहने का विश्वास दिलाया। श्रद्धांजलि सभा में सभी वक्ताओं ने दिवंगत सत्यपाल कौशिक के इकलौते पुत्र शशिकांत शर्मा के सामाजिक दृष्टिकोण, दान प्रवृत्ति और पितृ भक्ति की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।
,धर्म सभा सत्संग और प्रेरणा सभा की तरह नजर आई इस श्रद्धांजलि सभा मे ,सोनीपत के सांसद रमेश चंद्र कौशिक, करनाल के सांसद संजय भाटिया, राज्यसभा सांसद अनिल जैन, राई के विधायक मोहनलाल बडोली ,भारतीय जनता पार्टी के संगठन मंत्री रहे सुरेश भट, हरियाणा के मुख्यमंत्री के पूर्व मीडिया एडवाइजर राजीव जैन, हरियाणा के मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपेश्वर दयाल गॉड के अलावा स्वामी दयानंद सरस्वती की उपस्थिति विशेष तौर पर उल्लेखनीय है।
श्रद्धांजलि सभा में दिवंगत सत्यपाल कौशिक के पुत्र शशिकांत शर्मा को रसम पगड़ी के समय सामाजिक उत्तरदायित्व रूपी सम्मान दिया गया तो उन्होंने अपने नेत्रदान करने की भी घोषणा की। उन्होंने सभी शुभचिंतकों ,उनके परिवार से आत्मीयता रखने वाले उपस्थित जनों का हृदय की गहराइयों से धन्यवाद किया और अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाने का आश्वासन भी दिया। मंच संचालन आर्य समाज के अग्रणी प्रवर्तक आनंद आर्य द्वारा किया गया।

श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत और समापन गायत्री महामंत्र से हुआ।
“कीर्तिर्यस्य स जीवति ” अर्थात जिसका यश गाया जाता है वो कभी नहीं मरता।

दिवंगत मास्टर सत्यपाल कौशिक का संक्षित जीवन परिचय–
मास्टर जी का जन्म 11 नवम्बर 1953 को गाँव चुलकाना, जिला पानीपत के सम्मानित पंडित उमरा परिवार में पिता श्री ओमप्रकाश कौशिक (पटवारी) व माता श्रीमती प्रकाशी देवी के घर में हुआ। बचपन से ही मेधावी स्वर्गीय श्री कौशिक के परिवार में दो अनुज भ्राता श्री सुरेन्द्र व श्री सुशील तथा चार बहनें हैं। शिक्षा दीक्षा के बाद आप दिल्ली में शिक्षा विभाग में अध्यापक नियुक्त हुए और सेवानिवृत्ति तक वहां कुशलतापूर्वक अध्यापन कार्य किया। सेवानिवृत्ति के बाद आजीवन सामाजिक कार्यों में लगे रहे। आपका विवाह गांव जोरासी, जिला पानीपत में पंडित हरफूल जी की सुयोग्य पुत्री सोमी देवी से हुआ। वे भी हरियाणा शिक्षा विभाग में अध्यापिका रही अब सेवानिवृत हैं। आपके परिवार में एक पुत्र शशिकांत कौशिक और दो पुत्रियां ज्योत्सना और रेणू है। ज्योत्सना मुकेश वशिष्ठ गांव भिगान और रेणू नरेंद्र वशिष्ठ गांव नाहरा संग अपना गृहस्थ जीवन व्यतीत कर रही हैं। पुत्रवधु पूनम है जो उत्तम गृहिणी है। दो सुपौत्र माणिक और नीलेश है। परिवार में सबसे वृद्धा देवी रूपा पूजनीया माता प्रकाशी देवी जी हैं। सारा परिवार सुशिक्षित, बुद्धिजीवी, सभ्यता और संस्कारों से ओतप्रोत है। मास्टर सत्यपाल जी का जीवन उच्चादर्शमय था। उनका व्यक्तित्व सबको आकर्षित करने वाला था। सौम्य स्वभाव के स्वामी और जागरूक ,जिम्मेदार तथा राष्ट्रवादी नागरिक थे।
पुत्र शशिकान्त ने सारे क्षेत्र में अपने व्यवहार व सेवा से पिता का नाम रोशन किया है। उन्होंने शास्त्र की इस उक्ति को चरितार्थ कर दिखाया।
​ ​
“एकेनापि सुपुत्रेण विद्यायुक्ते च साधुना”
आह्लादितं कुलं सर्वं यथा चन्द्रेण शर्वरी ।

अर्थात जिस प्रकार अकेला चन्द्रमा रात की शोभा बढ़ा देता है ठीक उसी प्रकार विद्वान सज्जन पुत्र कुल की शोभा और ख्याति बढ़ा देता है। दुर्भाग्यवश मास्टर जी को गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया। ​शशिकांत कौशिक ने एक आदर्श पुत्र का कर्तव्य निभाते हुए अपने व्यापार ​(जोकि देश विदेश में फैला हुआ है) ​व राजनीति ​जिम्मेदारियों को नजरअंदाज कर अपने पिता की सेवा में ही अपना सारा समय और ध्यान समर्पित या। ​ यही कारण था कि वह कई अवसरों पर जनता के बीच उपस्थित नहीं हो सके।

​​गीतावचन “जातस्य हि ध्रुवो मृत्यु” (जो कि ईश्वरीय नियम है) अर्थात जो आया है उसे जाना ही पड़ेगा, के अनुसार ​ही आदरणीय मास्टर सत्यपाल कौशिक जी शनिवार दिनांक 04​ मार्च 2023 की प्रातः सबको छोड़कर प्रभु के पावन चरणों में विलीन हो गये। एक ज्योतिपुंज सर्वशक्तिमान अदृश्य ज्योति में जा मिला और परिवार ही नहीं सारे समालखा हल्के में शोक की लहर दौड़ गई। माँ प्रकाशी देवी के सामने बेटे का चले जाना हृदय विदारक ही है। दोपहर को पैतृक गांव चुलकाना के शमशान घाट में अंतिम संस्कार ​विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक पार्टियों के नेता व भारी जनसमूह ​की मौजूदगी में किया गया। ​​एक सूरज था कि तारों के घराने से उठा, आँखे हैरान है क्या शख्स जमाने से उठा।​ ​​

​हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर, सांसद रमेश कौशिक, सांसद संजय भाटिया, सांसद डॉ. अरविन्द शर्मा, राज्यसभा सांसद कृष्ण पंवार, विधायक महीपाल ढाडा, विधायक मोहन लाल बड़ौली. विधायिका निर्मल चौधरी, विधायक प्रमोद विज, विधायक सुरेन्द्र पंवार, विधायक शमशेर सिंह गोगी. पानीपत भाजपा जिला अध्यक्षा डॉ अर्चना गुप्ता, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, विधायक लीलाराम गुर्जर, ओएसडी टू मुख्यमंत्री भूपेश्वर दयाल एवं तरुण भंडारी, पानीपत उपायुक्त सुशील सारवान, पूर्व डीजीपी के.पी सिंह, पूर्व आईपीएस राजेश शर्मा, आईएएस आरके सिंह, जेल सुपरिंटेंडेंट जे.के छिल्लर जेल सुपरिंटेंडेंट राजकुमार शर्मा, पहलवान योगेश्वर दत्त, देवेन्द्र कौशिक (रिशिका बिल्डर) सहित प्रदेश के गणमान्य व्यक्ति शोकाकुल परिवार को सांत्वना देने पहुंचे।

​शशिकान्त कौशिक ने समालखा हल्के से दो बार 2014 व 2019 में भाजपा की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा।

उन्होंने इस सूखे क्षेत्र में कमल खिलाने की कोशिश करते हुए 2014 में लगभग 33000 और 2019 में लगभग 68000 मत लेकर पार्टी का जनाधार बढ़ाया। वे लगभग 10-12 वर्षों से समाज सेवा में संलग्न है । दो बार के प्रयासों के के बाद भी सफलता हासिल नहीं होने के बावजूद शशिकांत कौशिक के हौसले जनता के प्यार और दुलार के कारण बुलन्द हैं और उसी के उत्साह से जन-जन की सेवा में लगे हुए हैं ।अब वे निश्चित रूप से समालखा में लोगों के बीच रहकर समस्याओं का निराकरण करा सकेंगे। शशिकांत ने पहले भी बढ़चढ़ कर हलके के लोगों की सेवा की है और आज भी पिता की स्मृति में लाखों का दान किया है। 90-95 प्रतिशत तो दान व्यक्तिगत ही होता है जो सार्वजनिक तौर पर नहीं बताया जा सकता, जो बाकी 4 से 5 प्रतिशत सार्वजनिक सेवा है उसे ही यहां बताया गया है।

इस अवसर पर मुख्य दान इस प्रकार रहा। ब्राह्मण धर्मशाला समालखा के लिए 721 गज भूमि​ जिसकी कीमत संस्था द्वारा ​51 लाख रुपए आंकी गई है। 16 वाटर कूलर कीमत 8 लाख, गोवंशों के लिए 60 खोर की कीमत 5 लाख, 51 संस्थाओ को 6 लाख 41 हजार, एसी 40 हजार सहित करीब 71 लाख रुपए का दान किया गया। पहले भी हल्के में जरूरतमंदों को 30 हजार दीवार घड़ी, 25 हजार लेडीज शॉल, 25 हजार कंबल, 50 हजार जूट बैग, रेहड़ी वालों को 2500 बड़े छाते, 14 हजार टी-शर्ट इत्यादि दिए गए। ​सरकारी और प्राइवेट विद्यालयों में लगभग 50​ हजार बच्चों को स्टेशनरी का सामान ​दिया। कोरोना के पहले लॉकडाउन में 2500 परिवारों को सूखा राशन भिजवाया गया। 1 अप्रैल 2020 से शुरू करके साप्ताहिक और अलग-अलग दिनों में गौ-चारे की व्यवस्था की गई। घायल गौवंश के उपचार में सहायता के लिए समालखा और बापोली में नई गौ-एम्बुलेंस लाने के लिए सहयोग किया गया। इसके आलावा 8 व्हीकल, जिसमे 5 पानी के टैंकर, एक ट्रैक्टर ट्राली और दो बलेरो गाड़ी लगातार दिन रात लोगों की सेवा में लगी हुई है। एक हजार दिनों से ज्यादा समय से चलता फिरता भोजनालय (फ़ूड वैन) प्रति दिन 1000-1200 लोगों को प्रसाद वितरित कर रहा है।

बाकि विवरण इस
प्रकार से है—-
चुलकाना के लकीशर बाबा मंदिर में पहले 2 लाख और एक ए.सी. व अब 11 हजार रुपये, श्याम बाबा मंदिर में पहले चांदी के छत्र हेतु 51 हजार रुपये और अलग से एक कमरा जिसकी कीमत डेढ़ लाख रुपये और अब 11 हजार रुपये व एक ए.सी. भूमिया खेड़े की जमीन बढ़ाने हेतू 1 लाख 51 हजार रूपये पहले व अब 11 हजार रूपये, बाबा मोहनराम की मूर्ति स्थापना हेतू 51 हजार पहले व अब 11 हजार रूपये, बाला जी मन्दिर अड्डे वाला के लिए 50 हजार पहले व अब 11 हजार रूपये, बाबा बलि मन्दिर में पहले एक सबमर्सीबल पम्प लगवाया था व अब 11 हजार रूपये, नए लकीशर बाबा मन्दिर में 2 ट्रक ईंट पहले व अब 11 हजार रूपये, पीर बाबा में पहले 11 हजार और अब 11 हजार, गऊशाला चुलकाना हेतू पहले 1 लाख रूपये व अब 11 हजार रूपये जादान पाना में चौपाल हेतू पहले 1 लाख रूपये व अब 11 हजार अड्डे वाली चौपाल के लिए पहले 51 हजार और दो एयर कूलर व अब 11 हजार रूपये, दाला पान्ना नई चौपाल हेतू पहले 51 हजार व एक एयर कूलर व अब 11 हजार रूपये, दाला पान्ना पुरानी चौपाल हेतू पहले 51 हजार व अब 11 हजार रूपये, ब्राह्मण चौपाल हेतू पहले 41 हजार व अब 11 हजार, धानक समाज की चौपाल हेतू पहले एक सबमर्सीबल व अब 11 हजार रूपये, कश्यप चौपाल हेतू पहले एक एयर कूलर व अब 11 हजार, चखान पान्ना चौपाल हेतू पहले एक एयर कूलर व अब 11 हजार रूपये लड़कों के सरकारी स्कूल के खेल मैदान में लाईटों हेतू पहले 51 हजार व अब 11 हजार रूपये, चुलकाना गांव के लिए पहले एक पानी का टैंकर भी दिया है। गांव पट्टीकल्याणा में गुज्जर भवन में कमरा बनवाने हेतु पहले 2 लाख व अब 11 हजार रुपये, गांव पट्टीकल्याणा के सरकारी स्कूल में एक एयर कूलर, पंचकूला गुज्जर धर्मशाला में कमरों के निर्माण हेतु 1 लाख 50 हजार व 1 लाख दूसरी बार तथा अब 11 हजार रूपये, कुरुक्षेत्र गुर्जर धर्मशाला में एक कमरा और लाइब्रेरी हेतु 11 हजार रूपये पहले व अब 11 हजार रूपये, ​​कुरुक्षेत्र ब्राह्मण धर्मशाला में पहले एक वाटर कूलर 150 लीटर व अब 11 हजार​, ​​गांव पावटी में श्रीकृष्ण आदर्श गौशाला हेतू 1 लाख 11 हजार रूपये पहले व अब 11 हजार रूपये, हरिद्वार ब्राह्मण धर्मशाला में 2​ लाख पहले व अब 11 हजार रूपये, गढ़ी बेसक में मस्जिद के लिए एक पानी का टैंकर पहले और गन्नौर बाबा के डेरा में एक पानी का टैंकर पहले दान दिये हैं।
चुलकाना गांव में शशिकान्त इण्टरनेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के पास, चुलकाना लाईब्रेरी भवन में पट्टीकल्याणा सरकारी अस्पताल में, किंवाना सरकारी स्कूल में जलमाना माता मन्दिर में बापोली के लड़कियों वाले सरकारी स्कूल में गांव गोयला खुर्द परशुराम चौक पर मच्छरौली के शिव मन्दिर में गांव मनाना के जाट धर्मार्थ सभा द्वारा संचालित ताऊ देवीलाल बी.एड. कॉलेज में ढिंढ़ार ग्राम पंचायत को, समालखा रविदास भवन में पानीपत रविदास भवन में समालखा जांगड़ा धर्मशाला में जौरासी लड़कियों के सरकारी स्कूल में, सनौली के सरकारी स्कूल में और सिवाह जेल इन सभी संस्थाओं को ​8 लाख की कीमत से ​150 लीटर का एक-एक वाटर कूलर (कुल 16) भेंट किये। चुलकाना के प्राचीन शिव मन्दिर, दोनों राधा-कृष्ण मन्दिरों, पाथरी माता मन्दिर, माता बसंती मंदिर, छदिया मन्दिर व उमरा परिवार के देवता के लिए, चुलकाना प्रजापत चौपाल, चुलकाना अम्बेडकर भवन, चुलकाना वाल्मीकि भवन, चुलकाना रविदास भवन, चुलकाना सैनी चौपाल, चुलकाना लड़कियों के सरकारी स्कूल, वैश्य धर्मार्थ औषधालय समालखा, पंजाबी समाज मन्दिर, समालखा जी.टी. रोड़ गुरुद्वारा, समालखा मस्जिद, समालखा हिन्दू जागरण मंच, समालखा सेवा भारती योग कक्षा समालखा, समालखा वाल्मीकि समाज मन्दिर, सोनीपत मंदिर, गन्नौर गढी झंझारा गौशाला, सन्पेडा बाबा बलि मन्दिर, ओम शांति बापौली इन सभी 25 संस्थाओं को 11-11 हजार रुपये भेंट किये। माधव सेवा न्यास पट्टीकल्याणा, वेद मन्दिर समालखा (आन्नद प्रकाश आर्य) दोनों संस्थाओं को 51-51 हजार रुपये भेंट किये।
​​
​​

                                                                              

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *