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चंडीगढ़
स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि एक ओर मोदी-भाजपा-संघ ने सत्ता बल पर न्यायिक प्रक्रिया का दुरूपयोग करके राहुल गांधी को मोदी सरनेम को कथित रूप से बदनाम करने के आरोप में सूरत कोर्ट से 2 साल की सजा दिलवाने के 24 घंटे में उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द करवा दी। अब इस मामले में ओबीसी समाज का अपमान बताकर भाजपा अनैतिकता की सभी हदे पार कर रही है। विद्रोही ने कहा कि जिस भाजपा गुजरात सरकार के मंत्री व विधायक पुरनेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ सूरत कोर्ट में मोदी सरनेम के कथित अपमान को लेकर अपराधिक मानहानि का केस किया था, उन्होंने स्वयं कोर्ट में दायर अपने शपथ पत्र में अपनी जाति मोदी-वणिक अर्थात बनिया बताई थी जो राहुल गांधी को सजा देने वाले आदेश में भी वर्णित है। सवाल उठता है कि जब याचिकाकर्ता के अनुसार ही मोदी सरनेम उच्च स्वर्ण जाति की बनिया जाति का है तब मोदी सरनेम के कथित अपमान को ओबीसी समाज से जोडना ही ओबीसी वर्ग का अपमान ढोंग व अनैतिकता है। विद्रोही ने ओबीसी समाज से आग्रह किया कि वे भाजपा-संघ की तिकडमी चालो को समझकर उच्च वर्ग की मनुवादी सोच के अपने वर्ग विरोधी संघीयों के झांसे में आकर उनके बुने जाल में फंसकर स्वयं अपने पैरों पर कुल्हाडी मारने का काम न करे। भाजपा-संघ ओबीसी वर्ग का पैदाईशी विरोधी है और रहेंगे।