परिवर्तन यात्रा से अभय चौटाला अहीरवाल की जमीन पर पार्टी मजबूत करने की कवायद।दक्षिणी हरियाणा में प्रभावशाली नेता इनेलो से कोसो दूर चौटाला की राजनीतिक विरासत में दादा के सिंहासन पर पोते का कब्जा, वजूद की तलाश में बेटा बहा रहा है पसीना।जनता की नाराजगी का फायदा उठा क्या परिवर्तन कर पाएंगे अभय?

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अशोक कुमार कौशिक

दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@admin

(पॉलिटिकल डेस्क) चंडीगढ़
एक समय ऐसा था जब हरियाणा में ही नहीं देश में देवीलाल परिवार की तूती बोलती थी। ताऊ देवीलाल उप प्रधानमंत्री पद पर सुशोभित हो अपना परचम लहराया था। ताऊ देवीलाल के समय से ही अहीरवाल में हर राजनेता की चाहत उनका परिवार व पार्टी रही। वही परिवार आपसी द्वंद के चलते बिखर सा गया। वर्ष 1999 के विधानसभा चुनाव इसके बाद तक दक्षिण हरियाणा में दिग्गज नेताओं की मजबूत टीम रखने वाले ताऊ देवीलाल तथा उनके पुत्र पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला की अहीरवाल में राजनीतिक विरासत पर पूरी तरह से उनके पड़पौत्र व पौत्र दुष्यंत चौटाला का कब्जा है। स्वर्गीय ताऊ देवीलाल के बाद उनके पुत्र ओमप्रकाश चौटाला के सीएम पद पर रहते हुए दक्षिण हरियाणा से लगाव रहा।

जेजेपी की स्थापना के बाद ही टीम इनेलो के हाथ से खिसक चुकी थी इनेलो के अहीरवाल में जनाधार पर पूरी तरह से दुष्यंत चौटाला का बीज हो कामयाब हो गए थे ओपी चौटाला के जेल से बाहर आने के बाद दक्षिणी हरियाणा में के गए दोनों के दौरान उन्हें कुछ पुराने समर्थ को एक बार फिर नजर आने लगे थे परंतु किसी कद्दावर नेता के वापिस इनेलो ज्वाइन नहीं की अब देखना यह है कि परिवर्तन यात्रा के दौरान अभय अपने पिता के कितने पुराने सहयोगियों का रुख इनेलो की ओर कराने में कामयाब हो पाते हैं।

रेवाड़ी जिले में रघु यादव, डॉ एम एल रंगा, जगदीश यादव, राव इंद्रपाल, रामेश्वर दयाल, पूर्व जिला प्रमुख प्रवीण चौधरी व कई अन्य प्रभावी नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं की मजबूती मौजूद थी। राव अजीत सिंह ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर रहते हुए इस क्षेत्र में इनेलो को मजबूती के लिए सराहनीय कार्य किया था। बावल और कोसली हलके के जाट बाहुल्य गांव में जनाधार के मामले में इनेलो दूसरे दलों की तुलना में मजबूती से रहती थी।

जिला महेंद्रगढ़ में कभी राव मानसिंह, राव निहाल सिंह, रोहतास शेखावत एडवोकेट, भाई राम सिंह, भानाराम सैनी, छैलू राम, संतोष यादव, चौधरी मूलाराम, ओंकार नाथ कौशिक, जगदीश यादव, तेज प्रकाश एडवोकेट जैसे चेहरे थे। ओमप्रकाश चौटाला के मुख्यमंत्री काल में कैलाश चंद शर्मा सरकार में मंत्री रहे। इसके अलावा आज जेजेपी की पूरी टीम भी इनेलो के साथ हुआ करती थी। कभी नांगल चौधरी की सीट भी जाट और गुर्जर मतदाताओं के सहारे इनेलो के पास थी। नारनौल में भी उसके उम्मीदवार भाना राम सैनी यद्यपि जीत नहीं पाए फिर भी उनकी सराहनीय उपस्थिति रही थी। अब उनकी पुत्रवधू कमलेश सैनी जेजेपी से नगर परिषद की चेयरपर्सन है।

इनेलो का गढ़ रह चुके अहीरवाल में इस समय सशक्त नेताओं का अकाल है। अभय सिंह चौटाला परिवर्तन यात्रा के जरिए अपने दादा व पिता की राजनीतिक जमीन को फिर से मजबूत करने के लिए मैदान में उतरे हुए हैं। बिखराव के बाद इनेलो के पास दक्षिणी हरियाणा में ऐसा कोई दमदार नेता उनके साथ नहीं जो अपने बलबूते पर क्षेत्र में पार्टी की दमदार उपस्थिति दर्ज कराने में सक्षम हो।

वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों से पहले इनेलो से अलग होकर दुष्यंत चौटाला ने जननायक जनता पार्टी का गठन किया था । क्षेत्र में जेजेपी ने इनेलो के पुराने जनाधार को पूरी तरह अपने कब्जे में ले लिया था।

इनेलो के पुराने नेता और कार्यकर्ता या तो जेजेपी में शामिल हो गए या फिर दूसरे दलों की ओर रुख कर गए। ओपी चौटाला के जेल जाने के बाद इनेलो के वजूद को बरकरार रखने के लिए अभय सिंह चौटाला लगातार मेहनत करते रहे। बड़े चौटाला के जेल से बाहर आने के बाद इनेलो को ‘ऑक्सीजन’ तो जरूर मिली है, परंतु पार्टी को पुराने ‘रुतबा’ हासिल करने के लिए अभी ओर अधिक पसीना बहाने की जरूरत है।

अभय सिंह चौटाला से रेवाड़ी जिला अध्यक्ष के रूप में मिली जिम्मेवारी को रेवाड़ी के डॉक्टर राजपाल यादव ने बखूबी निभाने का काम किया है। उनके साथ पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रजवंत डहीनवाल भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। लेकिन रेवाड़ी, कोसली व बावल विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को कद्दावर नेता की भारी कमी अखर रही है। परिवर्तन यात्रा के जरिए अभय चौटाला पिता के पुराने और खास समर्थकों को एक बार फिर से इनेलो के साथ जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।

कमोबेश यही परिस्थिति जिला महेंद्रगढ़ में भी है । ज़िला महेंद्रगढ़ में भी अभी तक कोई कद्दावर इनेलो के पास नहीं है। महेंद्रगढ़ नांगल चौधरी नारनौल तथा अटेली विधानसभा क्षेत्र में सशक्त नेता की कमी इनेलो को आज भी अखर रही है। जिला अध्यक्ष सुरेंद्र कौशिक पूर्व जिला अध्यक्ष होशियार सिंह, जसबीर ढ़िल्लों, छोटेलाल गहली व नवनीत ढिल्लों आदि नेता ही पार्टी में टिके हैं। कोई नामचीन चेहरा गुरुग्राम से लेकर नारनौल तक इनेलो के पास नहीं है।

जनता में प्रदेश गठबंधन सरकार के प्रति उपज रही नाराजगी को अभय सिंह चौटाला कितना भुना पाते हैं यह तो समय ही बताएगा।

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