धर्मपाल वर्मा

सीपी जोशी सांसद चित्तौड़गढ़ बने राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष।
पिछले दिनों राजस्थान की राजनीति से संबंधित एक वायरल वीडियो में राजस्थान में जाटों का एक अग्रणी प्रतिनिधि कह रहा था कि भाजपा हो या कांग्रेस दोनों दलों के नेता प्रदेश में जाटों को मुख्यमंत्री बनाने के पक्ष में ही नहीं है ।जब मौका आता है दूसरे लोगों को आगे ले आते हैं । उन्होंने कहा कि भाजपा ने वसुंधरा राजे सिंधिया को जाटों की बहू बता कर मुख्यमंत्री बनाया था परंतु उन्हें राजपूतों की बेटी के रूप में प्रचारित करके राजपूतों के वोट बटोरे गए परंतु अभी तक राजस्थान में जाट के घर जन्मे व्यक्ति को मुख्यमंत्री बनने का अवसर ही नहीं मिला है। वही व्यक्ति कह रहा था कि अभी भाजपा को ही देख लो ,सतीश पूनिया प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष हैं उन्हें भी मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में प्रचारित किया जा रहा है परंतु चुनाव आते-आते उन्हें इस पद से भी हटा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री बनाने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता।
जहां तक हटाने का सवाल है, भाजपा ने आज अचानक सतीश पूनिया को अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह चित्तौड़गढ़ के सांसद सीपी जोशी को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बना दिया है। इस मामले में पार्टी के संगठन सचिव अरुण सिंह ने एक पत्र जारी करते हुए श्री जोशी को अध्यक्ष बनाए जाने की पुष्टि कर दी है।
पाठकों को बता दें कि राजस्थान में सीपी जोशी नाम के दो बड़े नेता हैं एक कांग्रेस में है राजस्थान विधानसभा के स्पीकर हैं और दूसरे भाजपा में हैं जो चित्तौड़गढ़ के सांसद हैं और अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हैं।
बेशक
प्रदेश अध्यक्ष नहीं रहे हैं परंतु सतीश पूनिया अब भी भाजपा में मुख्यमंत्री पद के दावेदार बने रहेंगे और अब नए अध्यक्ष सीपी जोशी को भी मुख्यमंत्री के दावेदार के रूप में देखा जाएगा ।इस तरह से राजस्थान में भाजपा में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की संख्या एक दर्जन के आस पास हो गई है।
राजस्थान में इसी वर्ष विधानसभा के चुनाव होने हैं जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के अलावा निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, केंद्रीय जल मंत्री गजेंद्र शेखावत, लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ,केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ,सांसद दिव्या सिंह ,अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, किरोड़ी लाल मीणा ,लोकसभा में उपनेता राजेंद्र राठौर ,गुलाबचंद कटारिया और अब सीपी जोशी मुख्यमंत्री पद के दावेदार के रूप में प्रचारित हो रहे हैं। राजस्थान में भाजपा के इतने अधिक दावेदार इसलिए सामने आ रहे हैं कि प्रदेश में यह आम धारणा हो गई है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने के पक्षधर नहीं हैं। जो नाम पर आए हैं उनमें दो का ताल्लुक हरियाणा से है केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का जन्म बेशक हरियाणा का है परंतु उनकी कर्मभूमि राजस्थान रही है वे राजस्थान से ही राज्यसभा के सांसद हैं। उधर अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ का ताल्लुक भी हरियाणा से है ।वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह रोहतक के पास अस्थल बोहर मठ के महंत हैं।
राजस्थान में कांग्रेस में अब भी लड़ाई मुख्य रूप से दो नेताओं के बीच में है परंतु जाट इनमें भी कोई नहीं है। राजस्थान में जाटों की अच्छी खासी आबादी है परंतु यहां अभी तक कोई जाट मुख्यमंत्री नहीं बन पाया है। भारतीय जनता पार्टी ने जाटों की बहू वसुंधरा राजे सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाया और जाटों को प्रतिनिधित्व देते हुए राजस्थान के एक जाट नेता जगदीप धनखड़ को देश का उपराष्ट्रपति बनाया है। अब देखना यह है कि राजस्थान चुनाव में निर्णायक स्थिति में रहने वाले जाट मतदाता अगले चुनाव में सत्ता में काबिज कांग्रेस पार्टी को अहमियत देंगे या एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी को सत्ता सौंपने का फैसला करेंगे।
