‘भीड़’ को एंटी इंडिया बताने पर भड़के पंकज कपूर, चुप्पी तोड़ते हुए बोले-‘हम इतने अधीर हैं कि…’

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मुंबई: ‘भीड़’ फिल्म में दिग्गज एक्टर पंकज कपूर (Pankaj Kapoor) एक अहम किरदार निभा रहे हैं. लॉकडाउन के समय प्रवासी मजदूरों की तकलीफ को फिल्म में दिखाने की कोशिश की है. अनुभव सिन्हा की इस फिल्म का हाल ही में टीजर रिलीज हुआ है. कई सोशल मीडिया यूजर्स  ने टीजर की तारीफ की तो कई ने भारत विरोधी करार दिया. ‘भीड़’ को इस तरह का टैग दिए जाने पर पंकज ने निराशा जताई और कहा कि किसी भी तरह की राय बनाने से पहले फिल्म देखिए.

इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में पंकज कपूर ने कहा ‘आपको एहसास होना चाहिए कि जो समाज में है वही फिल्म में भी देखेंगे. बारिश की एक बूंद से पहले ही लोग मानसून की घोषणा कर देते हैं. हम इतने अधीर हैं कि धीरज रखने की बजाय या उस पर चिंतन करने की बजाय हम बंदूक उछाल देते हैं.

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‘भीड़’ का नैरेटिव समझने के लिए फिल्म देखनी होगी
पंकज कपूर ने आगे रहा कि ‘आप राय दे सकते हैं लेकिन पहले फिल्म देखिए. आपको नैरेटिव समझने के लिए फिल्म देखनी होगी. ये हास्यास्पद है कि आपने एक टीजर देखा और कहने लगे कि पॉलिटिकल फिल्म है. ये एक एनालिटिकल फिल्म है जो हमारे समाज की मानसिकता के बारे में बात करती है, हम कैसे सोचते हैं, हम किसी हालात में कैसे दिखते हैं. अनुभव ने एक उदाहरण लिया और इसके इर्द गिर्द कहानी रची. फिल्म अच्छा,बुरा या बदसूरत नहीं कह रही है बल्कि ये दिखाती है दिमाग कैसे काम करता है’.

प्रवासी मजदूरों का दर्द ‘भीड़’
पंकज कपूर ने कहा ‘जब आप फिल्म देखेंगे तो आपको एहसास होगा कि इसे अलग तरह से पेश किया गया है. अनुभव ने इसे एक विचार के रुप में इस्तेमाल किया है जो मौजूद था. फिल्म देखने के बाद आपको एहसास होगा कि आखिर में सभी इंसान एक जैसे हैं’. कोरोना काल में लगे लॉडकाउन के समय अफरा-तफरी में अपने अपने गृह प्रदेश लौटते कामकारों के दर्द को फिल्म में दिखाने की कोशिश अनुभल सिन्हा ने की है.

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