भाजपा कार्यालय का निर्माण रुका,नक्शे के अनुसार नहीं बनाने व हल्की निर्माण सामग्री के प्रयोग का आरोप। भाजपा के पदाधिकारी के पास ही है निर्माण का ठेका, जांच के लिए भरवाए गए सैंपल। पहले भी जमीन खरीदने के समय हुआ था विवाद।भवन निर्माण नक्शा ने पास करने को लेकर भी सुर्खियों में रहा मामला

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अशोक कुमार कौशिक

दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com
नारनौल। भारतीय जनता पार्टी के नारनौल मुख्यालय पर बन रहे पार्टी कार्यालय पर कोई काली छाया पड़ी हुई है? क्योंकि इस कार्यालय को लेकर समय-समय पर विवाद उठते रहे हैं। इससे पहले नक्शा न पास होने का विवाद उठा। तो वही शुरू में जमीन खरीदारी को लेकर भी मीन मेंख हुई थी। अब इसमें इस्तेमाल की जा रही सामग्री की गुणवत्ता क्या तय मानकों के अनुसार नहीं लगाई जा रही? कमजोर इमारत पर महागठबंधन से कैसे ऊंचे पर्दे हो सकते हैं? यह सवाल पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के जेहन में आया। शिकायत हुई शिकायत होने के बाद जांच दल आया और जांच दल की सिफारिश पर निर्माण रोक दिया गया। कहा जा रहा है निर्माण नक्शे के अनुसार नहीं बनाने व हल्की निर्माण सामग्री के प्रयोग का आरोप है। सबसे मजेदार बात यह है कि भाजपा के पदाधिकारी के पास ही है निर्माण का ठेका। जांच के लिए सैंपल भरवाए थे।

जब निर्माणाधीन इमारत पर सवाल उठाते हुए पार्टी के एक सहकर्मी ने इसकी शिकायत ऊपर तक कर दी। मामला हाईकमान तक पहुंचा तो गुरुवार को हरियाणा भाजपा कार्यालय भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष जीएल शर्मा के नेतृत्व में टीम नारनौल निरीक्षण करने पहुंची, उसने इमारत का अवलोकन किया ।

इनमें से जिला अध्यक्ष दयाराम को भी दायित्व सौंपा गया। 3 बड़े भवनों का निर्माण करने वाले का नामांकन किया गया और तीन प्रबंधकों ने अपने साथ ले लिया। इन सभी गतिविधियों की तीन स्तरों पर अलग-अलग तरीके से जांच की जिम्मेवारी हो सकेगी इस काम को इसी हफ्ता में पूरा करने का निर्देश दिया गया।

बता दें कि नारनौल की नूनी शेखपुरा गांव के मोड़ पर किए जा रहे 1000 वर्ग गज की जमीन पर इस कार्यालय के स्तंभ भरने का काम जारी है। पार्टी सूत्र का कहना है कि इसके पिलर और छत में जो सामग्री तैयार करके भरवाई गई है वह इस भवन के निर्माण के लिए आर्किटेक्ट द्वारा संबंधित मापदंडों पर पूरी तरह से खरी न उतरने की आशंका जता रही है।

कुछ दिन पहले पार्टी के एक वरिष्ठ नेता द्वारा इस संबंध में शिकायत की गई। इसकी जानकारी मिलने पर वह टीम नारनौल पहुंची और तीन अलग-अलग जगह पर डेड डेड फीट के तीन होल करके गुणवत्ता की परख की गई । इस पर जहां निर्माण सामग्री तैयार की जा रही है वहां सीसीटीवी कैमरा लगाने का भी सुझाव दिया गया है ताकि बजरी सीमेंट थोड़ी मिलाई जाए तो सामग्री के मिश्रण का रिकॉर्ड बनाया जाए।

यहां यह बता दें कि इस प्लाट पर निर्माण से पहले ही काफी विवाद होता रहा है। भाजपा के इस कार्यालय की जमीन की खरीद में भी दरों में अंतर है की बात उठी थी। इसकी घोषणा से भी जुड़ी हुई चिंताओं को ताक पर रखने का मामला पहले चर्चा में रहा। यही कारण है कि 2 साल पहले इसके शिलान्यास किए जाने वाले कार्यक्रम को भी अचानक टाल दिया गया था। बाद में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने निर्माण के लिए शिलान्यास किया था।

इस संबंध में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दयाराम यादव से बात की गई तो उन्होंने माना की आज इसकी सैंपलिंग हुई है। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण में इस्तेमाल की जा रही सामग्री की गुणवत्ता किसी भी प्रकार की कमी नहीं है। हर चीज को ध्यान में रखते हुए सैंपलिंग की गई ।निर्माण कार्य अभी जारी रहेगा। आरोप में अगर कोई कमी पाई जाती है तो उसके आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी

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