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दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com
नागौर, (राजस्थान)
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लिथियम जिसे सफेद सोना भी कहा जाता है, का एक बड़ा भंडार राजस्थान में नागौर के डेगाना इलाके में मिला है.। विशेषज्ञों के अनुसार पाया गया यह भंडार फरवरी में जम्मू कश्मीर में मिले 59 लाख टन से भी कई गुना ज्यादा हैजो देश की लिथियम की 80 फीसदी जरूरत को पूरा कर सकता है
पता चला है कि राजस्थान के नागौर जिले के डेगाना में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की खोज जारी थी जिसमें लिथियम का अब तक का सबसे बड़ा खजाना मिला है जो भारत की लिथियम को लेकर चीन पर निर्भरता को खत्म कर देगा.
अब तक लिथियम का आयात चीन से होता आ रहा है।
भारत कुल लिथियम का 53.76 फीसदी हिस्सा चीन से खरीदता है. लेकिन राजस्थान में मिले इस सफेद सोने के खजाने के बाद ये निर्भरता खत्म हो सकती है. ज्ञातव्य है कि इसी साल फरवरी में जम्मू कश्मीर में लिथियम का 59 लाख टन भंडार का पता चला था.लिथियम का सबसे बड़ा भंडार 210 लाख टन का है जो बोलीविया में है. इसके अलावा अर्जेटीना, चिली,अमेरिका में भी इसके भंडार है. चीन के पास करीब 51 लाख टन लिथियम का भंडार है.
जानकारी के मुताबिक जियोलॉजिक सर्वे ऑफ इंडिया राजस्थान के नागौर के डेगाना के इस इलाके में टंगस्टन की खोज के लिए गई थी. जो कि ब्रिटिश इंडिया के समय ज्यादातर इस इलाके में मिला था, लेकिन अब खोज के दौरान लिथियम का ये खजाना मिल गया.
इसलिए खास है लिथियम
लिथियम दुनिया में अब तक ज्ञात सबसे मुलायम और हल्की धातु है. जिसे चाकू से भी आसानी से काटा जा सकता है. यहीं नहीं लिथियम रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदल देता है. इसलिए इसका इस्तेमाल आजकर आपके आसपास मौजूद हर इलेक्ट्रॉ़निक गैजेट में हो रहा है.
व्हाइट गोल्ड है लिथियम
आजकल इलेक्ट्रॉनिक सामानों और बैटरी में चलने वाली हर चीज के लिए लिथियम जरूरी है. जिसकी मांग दुनिया में बढ़ती जा रही है. यही वजह है कि एक टन लिथियम की कीमत करीब करीब 57.36 लाख रुपए बतायी जाती है.