डीपी वर्मा
दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com
चंडीगढ़।
एडवोकेट के रूप में अर्जुन सुरजेवाला ने जींद बार एसोसिएशन की सदस्यता ग्रहण की।
संयुक्त पंजाब की पुरानी और आज की राजनीति पर गौर करें तो हम पाएंगे कि यहां की चुनावी राजनीति में बहुत लोग ऐसे रहे हैं जो पेशे से वकील थे या हैं ।राष्ट्रीय राजनीति में भी कई वकीलों ने खुद को साबित किया और नाम कमाया है ।हरियाणा में इस समय भी बहुत ऐसे विधायक पूर्व विधायक सांसद पूर्व सांसद हैं जिन्होंने कानून की पढ़ाई की वकालत में पहचान बनाई और फिर राजनीति में पदार्पण किया। कानून की शिक्षा राजनीति में, सदन में, किसी भी दूसरे प्लेटफार्म पर किसी भी व्यक्ति के लिए एक मौलिक सपोर्ट के रूप में देखें जाती है। हरियाणा में इस समय भी कई बड़े ऐसे नेता हैं जो कानून के जानकार हैं मतलब कानून की पढ़ाई पढ़ चुके हैं ।इनमें भूपेंद्र सिंह हुड्डा, धर्मपाल सिंह मलिक ,रणदीप सिंह सुरजेवाला, बीबी बतरा, सुभाष बत्रा ,श्रीमती गीता भुक्कल ,जगबीर सिंह मलिक आदि तो कांग्रेस मैं ही हैं जो वकालत के माध्यम से राजनीति में आए हैं। सभी पार्टियों में बहुत नेता एलएलबी करके राजनीति में आए।
हरियाणा के एक नेता स्वर्गीय चौधरी रिजक राम जो मंत्री भी रहे सांसद भी कई बार विधायक भी। मूल रूप से वकील थे और सोनीपत में प्रैक्टिस करते थे। चौधरी रिजक राम के बारे में बहुत लोग जानते हैं कि जब वे किसी सदन के सदस्य नहीं होते थे या चुनाव हार जाते थे तो बार में आकर अपने बस्ते को संभाल लेते थे प्रैक्टिस शुरू कर देते थे। बहुत वकील ऐसे हैं जिन्होंने विधायक आदि बनने के बाद एक बार प्रैक्टिस छोड़ दी तो उसके बाद नहीं की परंतु चौधरी रिजक राम वकालत की अहमियत को जानते थे जो उनकी राजनीति में हर तरह से काम आती थी।
हरियाणा में कांग्रेस के नेता पार्टी के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के टॉप के वकील हुआ करते थे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय चौधरी बंसीलाल उनके पुत्र स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह ने भी कानून की पढ़ाई की थी।राजनीति में आने के बाद उन्होंने प्रैक्टिस जरूर छोड़ दी परंतु उन्होंने अपने पुत्र अर्जुन सुरजेवाला को भी वकालत के पेशे में ही लाने का फैसला किया है। अर्जुन ने जींद कोर्ट में प्रैक्टिस की शुरुआत करने का फैसला लिया है। पिछले दिनों उन्होंने जींद बार में आकर सदस्यता ग्रहण की। इससे एक बात साफ हो गई है कि बेशक रणदीप सिंह सुरजेवाला अब कैथल से चुनाव लड़ रहे हैं परंतु उनकी रुचि उनके गृह जिले जींद में पहले की तरह कायम है ।अर्जुन के लिए जींद को कार्यक्षेत्र बनाना इसका प्रमाण है। समय आने पर अर्जुन चुनावी राजनीति की पहल जींद विधानसभा क्षेत्र से कर सकते हैं ।जींद से रणदीप सिंह सुरजेवाला उपचुनाव लड़ चुके हैं जो उनकी इस रुचि को प्रमाणित करता है। मतलब अर्जुन के पास खुद को जींद विधानसभा क्षेत्र में स्थापित करने का मौका है।