पिंजौर-नालागढ़ हाईवे परियोजना में देरी पर राज्यसभा सांसद कर्तिकेय शर्मा ने जताई चिंता, NHAI ने दिया जवाब।

दक्ष दर्पण समाचार सेवा
चंडीगढ़, 16 जुलाई – राज्यसभा सांसद कर्तिकेय शर्मा ने पिंजौर बाईपास से नालागढ़ तक के फोरलेन हाईवे परियोजना में हो रही भारी देरी को लेकर गंभीर चिंता जताई है। इसके जवाब में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने परियोजना में आ रही प्रमुख अड़चनों को स्वीकार करते हुए आगामी कदमों की जानकारी दी है।
जून 2025 में एनएचएआई को भेजे गए पत्र में सांसद कर्तिकेय शर्मा ने कहा कि वर्ष 2021 में शुरू हुई यह परियोजना 30 महीनों में पूरी होनी थी, लेकिन 42 महीने बीत जाने के बावजूद इसका कार्य केवल 44% ही पूरा हो सका है। उन्होंने पत्र में लिखा, “जिस परियोजना की समयसीमा 30 महीने थी, वह 42 महीने बीत जाने पर भी मात्र 44 प्रतिशत ही पूरी हो पाई है, जो अत्यंत चिंताजनक है।”
NHAI ने जवाब में बताया कि परियोजना में देरी के पीछे कई प्रशासनिक कारण रहे हैं। इनमें हरियाणा में खनन परमिट मिलने में एक वर्ष की देरी, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में भूमि अधिग्रहण की धीमी प्रक्रिया और विद्युत लाइनों को शिफ्ट करने में हुई देरी शामिल हैं, जबकि संबंधित धनराशि पहले ही जमा कर दी गई थी। भूमि भी चरणों में सौंपी गई, और पूर्ण रूप से मार्च 2025 में ही हस्तांतरित हो सकी।
इन परिस्थितियों के चलते मौजूदा अनुबंध को समाप्त किया जा रहा है और फिलहाल स्थल पर कोई निर्माण कार्य नहीं हो रहा है।
इस दौरान सड़क की देखरेख के लिए एनएचएआई ने एक अल्पकालिक संचालन एवं रखरखाव (O&M) टेंडर जारी किया है, जिसकी एजेंसी 20 जुलाई तक तैनात की जाएगी। शेष कार्य के लिए नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया फरवरी 2026 तक पूरी किए जाने की योजना है, जो स्थल की विस्तृत समीक्षा के बाद शुरू की जाएगी। इस कार्य को शीघ्र अति शीघ्र करने के लिए माननीय कार्तिकये शर्मा जी ने राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्री जी से कहा की यह कार्य बहुत जल्दी होना चाहिए क्योंकि यहाँ पर बारिश मौसम होने के कारण जो अस्थायी तोर पर रास्ते बनाये गए थे वह भी ख़राब हो गए है उन्हें जब तक ठीक करवा दिया जाए और यह कार्य गति के साथ पूरा किया जाए
यह परियोजना हरियाणा और हिमाचल प्रदेश दोनों राज्यों से होकर गुजरती है और इसके पूरा होने पर क्षेत्रीय संपर्क को बेहतर बनाने की उम्मीद है।
