दक्षिण भारत में भी लॉरेंस विश्नोई गैंग का खौफ लारैस गैंग के नाम पर दी कारोबारी को धमकी, पुलिस ने चार लोगों को किया गिरफ्तार।
गौरव राजपुरोहित
गुजरात की साबरमती जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई का खौफ अब दक्षिण भारत की तरफ भी जा पहुंचा है. बेंगलुरु के एक कारोबारी को लॉरेंस विश्नोई गैंग के नाम पर धमकी दिए जाने का मामला सामने आने के बाद बेगलूरू सिटी कि शेषाद्रिपुरम पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. बेंगलुरु पुलिस अनुसार, पकड़े गए आरोपियों की जान पहचान दिल्ली में उस वक्त हुई, जब वे वकील से मिलने दिल्ली आते जाते थे. वहीं वे एक-दूसरे से मिले और दोस्त बन गए. गिरफ्तार किए गए बदमाशों की पहचान शिशुपाल सिंह, वंश सचदेव, अमित चौधरी और मोहम्मद रफीक के रूप में हुई है. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में मोहम्मद रफीक मावली का निवासी है और उसके खिलाफ दिल्ली में पहले से ही एक मामला दर्ज है. पुलिस जांच से पता चला है कि आरोपियों का लॉरेंस विश्नोई गैंग से कोई संबंध नहीं है. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने कथित तौर पर पैसे ऐंठने के लिए लॉरेंस विश्नोई गैंग के नाम का इस्तेमाल किया. चारों आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उन्हें कोर्ट में पेश किया और आगे की जांच के लिए उनकी हिरासत हासिल कर ली. इस मामले में बेंगलुरू सिटी पुलिस के डीसीपी अक्षय मच्छिंद्र ने बताया कि बेंगलुरु में रफ़ीक नाम का एक आदमी था जिसने निजी रंजिश के चलते पूरी योजना बनाई थी. जब वह अदालती मामलों के सिलसिले में दिल्ली में था, तो उसने तीन अलग-अलग योजनाएं बनाईं. वहां रहते हुए, उसकी मुलाकात एक वकील और अमित नाम के एक आरोपी से हुई थी. अमित ने दावा किया कि उनके कुछ संपर्क हैं जो ‘काम करवा सकते हैं’. उसने रफ़ीक को एक सौदा पेश किया, अगर रफ़ीक किसी को धमकाना चाहता है, तो वे मिलकर उस पर काम कर सकते हैं. बातचीत आगे बढ़ी, वे सभी एक जगह इकट्ठा हुए, खूब शराब पी, और पार्टी के दौरान, वे मोबाइल फ़ोन पर लॉरेंस विश्नोई की रील और वीडियो देख रहे थे.तभी उन्होंने लारेंस विश्नोई के नाम का इस्तेमाल करके पैसे ऐंठने की योजना बनाई. उन्होंने व्यापारी को फ़ोन किया और अपना परिचय लॉरेंस विश्नोई गैंग से बताया और उसी लहजे में धमकी दी. बेंगलुरु सिटी पुलिस के पुलिस कमिश्नर सीमांत कुमार सिंह ने बताया कि 9 जुलाई को बेंगलुरु के एक व्यापारी को एक धमकी भरा कॉल आया था. जिसमें कहा गया था कि या तो एक करोड़ रुपये दो, वरना उसके बेटे का अपहरण कर लिया जाएगा. पुलिस ने शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की और 48 घंटों के भीतर मामले का खुलासा कर दिया. जानकारी के अनुसार, व्यापारी का यहां व्यापार से संबंधित कुछ विवाद था और दूसरे व्यक्ति ने यहां अपराध करने के लिए दूसरे राज्यों के अपराधियों को भाड़े पर रखा था. स्थानीय पुलिस और क्राइम ब्रांच दोनों ने कड़ी मेहनत की और स्थानीय व्यक्ति और दूसरे राज्यों के तीन अपराधियों को पकड़ने में सफल रहे. बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर ने कहा कि चार लोगों को हिरासत में लिया गया है और हम जांच कर रहे हैं. तीनों आरोपी उत्तर प्रदेश के हैं और अपने राज्य में आपराधिक पृष्ठभूमि रखते हैं. आगे कि जांच बेंगलुरु सिटी पुलिस कि क्राइम ब्रांच कर रही है

