दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com पंचकूला
ब्राह्मण सभा एचएमटी पिंजौर कालका ने डीसी पंचकूला को भगवान परशुराम चौक के लिए जगह देने के लिए हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन दिया था। जिस पर कार्यवाही करते हुए डीसी पंचकूला ने प्रशासन को निर्देश दिए कि ब्राह्मण सभा की मांग को मध्य नजर रखते हुए पिंजौर में सभा को उचित जगह उपलब्ध करवाई जाए।
सभा प्रधान शमशेर शर्मा ने बताया कि सन 1979 से रजिस्टर्ड ब्राह्मण सभा एचएमटी पिंजोर कालका क्षेत्र में सामाजिक सरोकार के कार्य व 36 बिरादरी के लिए काम करती है। परशुराम भवन में ब्राह्मण समाज की बैठक हुई थी। जिसमें क्षेत्र के युवाओं व समाज के गणमान्य लोगों ने हिस्सा लिया । सभा की बैठक में अन्य शहरों की तर्ज पर पिंजौर में भी विष्णु के छठे अवतार जिन्हें अजर अमर माना जाता है भगवान श्री परशुराम के नाम पर चौक की स्थापना करवाने के लिए जिला प्रशासन से जगह लेने बारे चर्चा हुई और प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित हुआ था।
प्रधान शमशेर शर्मा ने बताया कि पुराणों में 8 महापुरुषों का वर्णन है जिन्हें अजर अमर माना जाता है। भगवान परशुराम विष्णु के छठे अवतार हैं उनका पूरा जीवन ही समाज व समाज की कुरीतियों को समाप्त करने के लिए समर्पित रहा जिस कारण भगवान परशुराम जी में सभी की आस्था हैं। भगवान शिव के परम भगत परशुराम जी को न्याय के देवता का दर्जा दिया था। जिस कारण ब्राह्मण समाज के साथ-साथ अन्य लोगों की भी आस्था भगवान परशुराम जी में है। भगवान परशुराम अजर अमर है। पिंजोर शहर के इतिहास से कई किवंदती जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि पांडवों अपने वनवास के दौरान पिंजौर क्षेत्र में रहे थे वर्तमान समय में पिंजौर एक आकर्षक पर्यटन का दर्जा हासिल कर चुका है। पिंजौर के चौक चौराहे का नामकरण नहीं हुआ है। ब्राह्मण सभा अपने खर्चे से पिंजौर में चौक का निर्माण करवा कर उसका सौंदर्यकरण करेगी। यहां से छोटे बड़े हजारों वाहन प्रतिदिन गुजरते हैं। पिंजौर में भगवान परशुराम चौक बनने से सर्व समाज में भगवान परशुराम की शिक्षा का संदेश जा सके। और नई पीढ़ी भी भगवान श्री परशुराम जी का अनुसरण करते हुए अपना भविष्य उज्जवल बना सके। सभा की बैठक में प्रधान शमशेर शर्मा, रवि शर्मा, रत्न चंद शर्मा,
मोहन लाल वत्स, राजबीर भारद्वाज टेक चंद अत्री, रामबाबू शर्मा, ओमप्रकाश शर्मा पूर्व प्रधान, धनी राम, कर्मपाल, शुशील कुमार पाठक,बलराज शर्मा, अरविंद जोशी, शावन राम आदि मौजूद रहे।


