महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय, करनाल व कोच्चि विश्वविद्यालय, जापान के बीच हुआ एमओयू।इंटरनेटस ऑफ प्लांटस (आईओपी) नामक तकनीक पर अनुसंधान के लिए हुआ समझौता। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा की मौजूदगी में हुआ एमओयू।हरियाणा देश का अन्न भंडार, कृषि के साथ बागवानी फसलों की आवश्यकता- मुख्यमंत्री नायव सिंह सैनी।बागवानी फसलों में अधिक आमदनी देख किसानों का रूझान बागवानी फसलों की ओर बढ़ा- मुख्यमंत्री।

Spread the love

दक्ष दर्पण समाचार सेवा

चण्डीगढ़, 21 फरवरी – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि हरियाणा व केंद्र सरकार किसानों की भलाई के लिए गंभीरता से काम कर रही है, जिसका सीधा लाभ किसानों को मिल रहा है। सरकार द्वारा किसानों के उत्थान के लिए चलाए जा रहे उपक्रमों से किसान आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर हो रहा है। इसी कडी में आज महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय, करनाल व कोच्चि विश्वविद्यालय, जापान के बीच किसानों के हित के लिए समझौता ज्ञापन (एमओयू) हुआ है। इससे दोनों देशों के विश्वविद्यालय बागवानी के क्षेत्र में किसानों के लिए लाभप्रद आधुनिक तकनीकों पर काम करेंगे, जिसका सीधा फायदा किसानों को होगा।

          मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा की मौजूदगी में चण्डीगढ़ में महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय, करनाल व कोच्चि विश्वविद्यालय, जापान के बीच इंटरनेटस ऑफ प्लांटस (आईओपी) नामक तकनीक पर अनुसंधान के लिए एक समझौता ज्ञापन हुआ।

*किसान परपंरागत खेती को छोड़कर मुनाफे वाली बागवानी खेती की ओर बढ़े- नायब सिंह सैनी

          मुख्यमंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है, कि किसान फायदें की खेती करें। इसके लिए परपंरागत खेती जैसे गेहूं व धान आदि को छोड़कर मुनाफे वाली बागवानी खेती की ओर बढ़े। इसके लिए हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार किसानों के लिए हर संभव मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा को देश का अन्न भंडार कहा जाता है, कृषि के साथ-साथ बागवानी फसलों की आवश्यकता है। राज्य में बागवानी फसलों का क्षेत्रफल व उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। बागवानी फसलों में अधिक आमदनी को देखते हुए किसान भी बागवानी फसलों की तरफ बढ़ रहे है।

*पोली हाउस के अंतर्गत क्षेत्र बढ़ाने की अपार संभावनाएं- मुख्यमंत्री*

          उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण औसत तापमान में वृद्धि, बरसात का पैट्रर्न में बदलाव के प्रभावों को कम करने के लिए विशेष ध्यान देने की जरुरत है। इसके लिए संरक्षित खेती को बढ़ावा देना बहुत जरुरी हो गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में लगभग 4 हजार एकड़ में पोली हाउस में बागवानी फसलों का उत्पादन हो रहा है, जबकि करीब 6 हजार 400 एकड़ में लो-टनल में बागवानी फसलों की खेती की जा रही है। पोली हाउस के अंतर्गत क्षेत्र बढ़ाने की अपार संभावनाएं है।

*यह समझौता किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए एक मील का पत्थर होगा साबित*

          श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि फल, सब्जियों में फसल तुड़ाई उपरांत होने वाली हानि को कम करने के लिए सप्लाई चेन व कोल्ड चेन प्रबंधन की आवश्यकता है। इसी संद्रर्भ में हरियाणा सरकार ने जापान के जिका प्रोजेक्ट के तहत काम करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि मुझे काफी खुशी है कि एमएचयू करनाल और कोच्चि विश्वविद्यालय जापान मिलकर काम करेंगे ताकि हरियाणा प्रदेश के लिए इस प्रकार आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक बनाकर किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। इससे बागवानी फसलों के उत्पादन, गुणवत्ता, अधिक आय की संभावनाएं बढ़ेंगी। ये समझौता किसानों के लिए आमदनी बढ़ाने के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा, जिससे न केवल हरियाणा प्रदेश बल्कि पूरे देश के किसानों को लाभ मिलेगा।संवेदी तकनीक, जिससे ग्रीन हाउस में तापमान, आद्रर्ता, प्रकाश सश्लेषण आदि के वैज्ञानिक सिंद्धात पर विभिन्न फसलों के लिए इंटरनेटस आफ प्लाटस (आईओपी) मॉडूयल तैयार किए जाएंगे। इस क्षेत्र में महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय व कोच्चि विश्वविद्यालय, जापान मिलकर काम करेंगे ताकि हरियाणा राज्य के लिए इस प्रकार आधुनिक वैज्ञानिक तकनीक बनाकर किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी। इससे बागवानी फसलों के उत्पादन, गुणवत्ता, अधिक आय की संभावनाएं बढ़ेंगी।

          कोच्चि विश्वविद्यालय, जापान के अध्यक्ष प्रो. उकेडा हिरोयूकी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा द्वारा प्रदेश में बागवानी की खेती बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि एमएचयू के कुलपति प्रो. सुरेश मल्होत्रा के नेतृत्व में एमएचयू के साथ हमारे विश्वविद्यालय के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ है, ये समझौता किसानों के लिए काफी अच्छा साबित होगा।

          इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. राजा शेखर वुंडरू, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ साकेत कुमार, विदेश सहयोग विभाग के सलाहकार श्री पवन चौधरी, बागवानी निदेशालय के विशेष विभागाध्यक्ष श्री अर्जुन सिंह सैनी, अनुसंधान निदेशक प्रो. रमेश गोयल, एमएचयू करनाल के रजिस्ट्रार श्री सुरेश सैनी व जापानी प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *