
@ दक्ष दर्पण
चण्डीगढ़ ।
आज (20 फरवरी ) को सोनीपत जिले में कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन के तत्वाधान में एम डी डी ऑफ इंडिया की सोनीपत इकाई द्वारा बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत स्वास्थ विभाग सोनीपत साथ मिलकर आशा वर्कर ,MPHW व ANM को प्रशिक्षण शिविर लगाकर बाल विवाह रोकने के प्रति बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया ।
आयोजित कार्यक्रम डॉ नीरज यादव डिप्टी सीएमओ की देखरेख में सम्पन्न हुआ । कर्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ राज सिंह सांगवान पूर्व चेयरमैन व जिला समन्वयक MDD ऑफ इंडिया सोनीपत रहे ।
गैर सरकारी संगठन MDD ऑफ इंडिया सोनीपत की इकाई से कम्युनिटी सोशल वर्कर सरिता , विकास दहिया व विक्टिम सपोर्ट कोऑर्डिनेटर सुनीता सिंह आदि उपस्थित रहे ।
सभी ने मिलकर कसम खाई की “हम ने ये ठाना है , बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सोनीपत जिले में सफल बनाना है।
डॉ. राज सिंह सांगवान ने बताया कि बाल विवाह में शामिल लोगों व बाल विवाह को प्रमोट करने वाले लोगों को 2 साल की सजा और दो लाख रुपए जुर्माना भी तय किया है। 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की और 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के का विवाह बाल विवाह की श्रेणी में आता है। इससे कम उम्र में शादी करना अपराध है। ऐसा करने पर बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत बाल विवाह कराने वाले माता-पिता, भाई-बहन, परिवार, बाराती, सेवा देने वाले जैसे टेंट हाउस, प्रिंटर्स, ब्यूटी पॉर्लर, हलवाई, मैरिज गार्डन, घोड़ी वाले, बैंड बाजे वाले, कैटर्स, धर्मगुरु, पंडित, समाज मुखिया , बिचौलियों , शादी में शामिल होने वाले रिश्तेदारों व अन्य भाईचारे के लोगो आदि पर कार्रवाई होगी।
बाल विवाह कराने पर एक लाख का लगेगा जुर्माना व दो साल का कठोर कारावास की सजा ।
बाल विवाह कराने वाले माता-पिता सहित अन्य लोगों पर कार्रवाई कर दो वर्ष की सजा एवं एक लाख का जुर्माना है।
बाल विवाह पर क्या कहता है कानून, क्या मां-बाप को भी हो सकती है सजा,
भारत में कानून के मुताबिक शादी के लिए लड़कों की उम्र 21 साल और लड़कियों के लिए 18 साल है. अगर कोई इस तय आयु सीमा से कम उम्र में शादी करता है तो उसे बाल विवाह माना जाएगा. हमारे देश में बाल विवाह को रोकने के लिए आजादी से पहले से कानून है. समझिए ये कानून क्या है? बाल विवाह करने और करवाने वालों को क्या सजा हो सकती है?
डॉ सांगवान ने बताया कि बाल विवाह में शामिल लोगों पर भी होगी कार्रवाई
बाल विवाह को रोकने के लिए प्रशासन सख्त है इसको लेकर जुर्माना और सजा का भी प्रावधान है। बाल विवाह होता पाया जाता है तो उसमें प्रतिभाग करने वाले व्यक्तियों पर भी कानूनी कार्यवाही का प्रावधान है।
डॉ मधुर गर्ग ने कहा कि समाज में व्याप्त अंधविश्वास एवं रूढीवादी परंपरा के कारण समाज के कुछ अभिभावक, संरक्षकों द्वारा अपने पुत्र, पुत्रियों की शादी अक्षय तृतीय व शादी के लिए माने गए शुभ अवसर पर पावन एवं शुभ मानकर की जाती है जिनमें कई बाल विवाह भी होते हैं। जो बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 का खुलकर उल्लंघन है।
सजा का प्रवधान
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों के तहत बाल विवाह कराने वाले व्यक्ति एवं अनुष्ठान करने वाले व्यक्तियों के लिए दो वर्ष का कठोर कारावास एवं एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है। बाल विवाह कराने पर सम्मलित होने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जायेगी।
बाल विवाह होने पर यहां दें सूचना
यदि बाल विवाह से संबंधित कोई प्रकरण संज्ञान में आता है तो उसकी सूचना तत्काल 1098, 1090, 112, 181 के साथ-साथ महिला एवं बाल विकास विभाग में स्थित
जिला बाल संरक्षण इकाई
जिला बाल कल्याण समिति
बाल विवाह निषेध अधिकारी
चाइल्ड हेल्प लाइन 1098 टोल फ्री नंबर पर सूचना दे सकते हैं जिससे बाल विवाह रोकने की कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।
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