चौधरी अभय सिंह जी चौटाला ने पंचकूला में आज अंतर्राष्ट्रीय जांट संसद को संबोधित किया। जाट समाज का इतिहास गौरवशाली रहा है। स्वभाव से उत्साही, मेहनती, बेबाक, स्पष्टवादी, साहसी और स्वाभिमानी जाटों ने आजादी की लड़ाई में लंबा संघर्ष किया। आज सरहद पर जाट समुदाय के लोग सीना तानकर देश की रक्षा कर रहे हैं। खेत से लेकर खेलों में नया इतिहास रच रहे हैं।

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राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर हमें अपनी कौम एवं समाज के उत्थान के लिए एकजुट होना चाहिए: अभय सिंह चौटाला

धर्मपाल वर्मा

दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com

पंचकूला, 19 मार्च। इंडियन नैशनल लोकदल के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव एवं विधायक चौ. अभय सिंह चौटाला का कहना है कि राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर हमें अपनी कौम एवं समाज के उत्थान के लिए एकजुट होना चाहिए। कौम की तरक्की के लिए हमें आगे बढ़ते हुए अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। हम हरियाणा में 30 प्रतिशत हैं इसलिए छोटे मोटे मतभेदों को भुलाकर एकजुट हों और किसी और के पीछे लगने की बजाय अपनी सत्ता हरियाणा में लेकर आयें।
अभय सिंह चौटाला रविवार को पंचकूला में अंतर्राष्ट्रीय जाट संसद में अंतरराष्ट्रीय जाट अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे। अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जाट समाज का इतिहास गौरवशाली रहा है। स्वभाव से उत्साही, मेहनती, बेबाक, स्पष्टवादी, साहसी और स्वाभिमानी जाटों ने आजादी की लड़ाई में लंबा संघर्ष किया। आज सरहद पर जाट समुदाय के लोग सीना तानकर देश की रक्षा कर रहे हैं। खेत से लेकर खेलों में नया इतिहास रच रहे हैं। बीसवीं शताब्दी तक, जमींदार जाट पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई हिस्सों में एक प्रभावशाली वर्ग के रूप में उभरे। इस दौरान जाटों ने पारंपरिक कृषि कार्य और पशुपालन के साथ-साथ अन्य पेशा अपनाना शुरू कर दिया।
उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही युद्ध कला में निपुण रहे जाटों को एक उत्कृष्ट योद्धा माना जाता है। भारतीय सेना में इनके नाम पर रेजिमेंट भी है जिसे जाट रैजमैंट के नाम से जाना जाता है। राजाराम जाट भरतपुर के राजा थे। अपनी वीरता के लिए प्रसिद्ध राजाराम जाट प्रथम जाट नायक थे जिन्होंने मुगल बादशाह औरंगजेब के खिलाफ संगठित विद्रोह किया। इसी तरह से महाराजा सूरजमल राजस्थान के भरतपुर के प्रतापी हिंदू जाट शासक थे। उनके शासनकाल में जाट हिंदू साम्राज्य अपने चरम पर पहुंच गया था। उनका शासन क्षेत्र वर्तमान काल के दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के कुछ जिलों तक फैला हुआ था। किसानों के मसीहा सर छोटू राम ने ताउम्र किसान-कमेरे के लिए संघर्ष किया।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि चौधरी देवीलाल ने तो अपना पूरा जीवन ही राजनीतिक संघर्ष और सेवा को समर्पित कर दिया। मुख्यमंत्री रहते चौधरी देवीलाल ने 10 हज़ार तक के किसानों और कमेरों के कर्ज़े माफ़ किए और बुजुर्गों को 100 रुपये सम्मान पेंशन राशि दी जो आज पूरे देश में लागू हो चुकी है। किसानों के मसीहा सर छोटू राम ने पंजाब में राजस्व मंत्री रहते हुए किसानों के हक में कदम उठाने का काम किया। चौ. अभय सिंह चौटाला ने कहा कि जरूरतमंदों की मदद करना जाट समुदाय के लोगों का स्वभाव रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता में बैठे कुछ लोग भाइचारे को बिगाडऩे का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि लंबे समय से हरियाणा में यह मांग की जा रही थी कि जाट समुदाय के साथ 4 अन्य जातियों के लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाए। सरकार ने हमें आरक्षण देने की बजाय आंदोलन करने वाले निहत्थे लोगों पर गोलियां चलाई गई और 32 नौजवानों को मार दिया गया।

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