गृह मंत्री सुभाष बत्रा बोले सीएम खट्टर ने नहीं ली पंजाबी समाज की सुध                                                                                          पंजाबी समाज के हक व राजनीतिक भागीदारी की छेड़ी मुहिम। विस में 25 , लोस 3 व एक राज्यसभा की सीट देने वाले  को  समर्थन । पंजाबी समाज की एकजुटता के लिए सभी की भागीदारी जरूरी। पंजाबी समाज के हितों को एकजुटता के साथ संरक्षित रखने के लिए रणनीति

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दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com

फतह सिंह उजाला                                                    गुरुग्राम। हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री सुभाष बत्तरा ने पंजाबी समाज के हकों की लड़ाई एवं जनसंख्या के हिसाब से राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक मुहिम छेड़ी हुई है।

इस कड़ी में रविवार को होटल राज महल गुरुग्राम में एक बैठक का अयोजन हरियाणा व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष एवं समाजसेवी कन्हैया लाल पाहवा (गोप भाई) ने किया। बैठक में पंजाबी समाज के हितों को एकजुटता के साथ संरक्षित रखने के लिए रणनीति बनाई गई। 

इस मौके पर सुभाष बत्तरा ने 5 सूत्रीय मांग उठाई। इसमें उन्होंने प्रमुख रूप से हरियाणा में राजनीतिक पार्टियों से पंजाबी समाज को जनसंख्या के हिसाब से विधानसभा की 25, लोकसभा की 3 और राज्यसभा की एक सीट देने की मांग की। उन्होंने कहा कि जो भी राजनीतिक दल हमारे निर्णय से सहमत होगा, पंजाबी समाज उसके साथ खड़ा होगा। इसके अलावा समाज के कल्याण के लिए पंजाबी वैल्फेयर बोर्ड का गठन किया जाए। नौकरियों में समान भागीदारी की जाए।

पंजाबी समाज विभाजन के समय देश प्रेम करते पाकिस्तान से अपना सब कुछ छोड़कर भारत आया और अपने परिश्रम व कड़ी मेहनत के बलबूते पर अपनी पहचान बनाई। इसके पश्चात भी कोई पंजाबी समाज को रिफ्यूजी या शरणार्थी की संज्ञा देता है। तो एक कानून एक्ट को लागू करके कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए। पंजाबी भाषा गुरमुखी को प्रदेश में दूसरी भाषा का दर्जा दिया जाना चाहिए।

पूर्व गृह मंत्री बत्तरा ने कहा कि पूरी टीम के साथ समाज को जागरूक करने के लिए प्रदेशभर में बैठकें करेंगे और बताएंगे कि पंजाबी समाज किन-किन नेताओं की वजह से राजनीतिक तौर पर हाशिए पर चला गया और हम सरकारी नौकरियों से लेकर पंच, सरपंच, जिला परिषद व अन्य क्षेत्रों में भेदभाव का शिकार होते चले गए।

सुभाष बत्तरा ने कहा कि प्रदेश में संख्या बल के लिए पंजाबी समाज को वह हक नहीं मिला है जो इसे मिलना चाहिए। किसी भी विभाग को देख लो, नौकरी भर्ती मामले में पंजाबी समाज की उपस्थिति आज शून्य है।

एक सवाल के जवाब में बत्तरा ने कहा कि पंजाबी समाज के लंबे संघर्ष के बाद 2014 में जब मनोहर लाल खट्टर मुख्यमंत्री बने थे तो समाज बहुत खुश हुआ। उम्मीद जगी कि अब उनकी सुनवाई होगी लेकिन

अफसोस की बात है कि अपने कार्यकाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने समाज की सुध नहीं ली। हम सी. एम. मनोहर लाल से पूछना चाहते हैं कि साढ़े 8 साल के कार्यकाल में संख्या बल के लिहाज से पंजाबी समाज को आपने कितनी नौकरियां दी हैं, इस पर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए। उन्होंने बताया कि पंजाबी समाज का महासम्मेलन का अयोजन भी किया जाएगा।

हरियाणा व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष एवं समाजसेवी कन्हैया लाल पाहवा (गोप भाई) ने कहा कि पंजाबी समाज की एकजुटता के लिए सभी की भागीदारी जरूरी है। इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा। पाहवा ने कहा कि हिंदुस्तान को आजाद करवाने के लिए हमारे पूर्वजों ने बड़े कष्ट उठाए। हमारी कौम ने बड़ी कुर्बानियां दीं। आज तक अपनी मेहनत पर भरोसा किया। नमक से रोटी खाना मंजूर किया, परंतु भीख नहीं मांगी। पंजाबी समाज ने जो संघर्ष किया है, उस हिसाब से पूरा हक नहीं मिला चाहे वह राजनीतिक क्षेत्र हो या सरकारी क्षेत्र में भागीदारी सभी पंजाबी समाज एक मंच पर आएं, ताकि अपनी आवाज को बुलंद किया जा सके। उन्होंने जागो पंजाबी, जागो पंजाबी का नारा भी दिया। पाहवा ने सभी का बैठक में पहुंचने पर धन्यवाद किया।

बैठक में आए सभी लोगों ने कन्हैया लाल पाहवा के द्वारा किए जा रहे समाज के लिए सामाजिक कार्यों की सराहना की और उन्हें अपना आशीर्वाद दिया। 

बैठक में समाज के सुरेंद्र मक्कड़, राष्ट्रीय पंजाबी महासभा के महेंद्र नारंग, मनमोहन आजाद, अमरनाथ अरोड़ा, मदनलाल कत्याल, विजय रतड़ा, शिवदयाल खरहेड़ा, संध्या बजाज , फरीदाबाद से ज्ञान आहूजा हरीश आज़द , वासुदेव अरोड़ा सहित बड़ी संख्या में समाज से जुड़े लोग शामिल हुए।

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