सकारात्मक सोच को अपना कर आत्महत्या जैसी घटना को रोका जा सकता है :प्रियंका पुनिया.

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दक्ष दर्पण समाचार सेवा

यूनिवर्सल लॉ कॉलेज ने विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस पर एक अतिथि वार्ता का आयोजन किया है ।विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के बारे में जागरूकता पर व्याख्यान करते हुए शिक्षाविद् तथा पाई अकैडमी की संस्थापक प्रियंका पुनिया ने कहा कि ज़िंदगी से क़ीमती कुछ भी नहीं ।

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस प्रतिवर्ष 10 सितंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य आत्महत्या की रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाना, मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से जुड़े कलंक को कम करना है। इस वर्ष का विषय, “इस थीम का उद्देश्य आत्महत्या को रोकने के लिए कलंक को कम करने और खुली बातचीत को प्रोत्साहित करना है”।

प्रियंका पुनिया ने बताया कि भावनाओं को बचाना जीवन बचाना । हम जब भी उदास या निराश महसूस करें तो अपने मनोभावों को समझें तथा उन्हें सकारात्मक सोच में बदलें ।उन्होंने कहा कि आप जब बेहद उदास हो तो उस स्थान से थोड़ा दूर जाकर अपने आसपास की चीज़ों को देखे , सुने , सूंघे तथा छुएँ इतना भर करने से आपका जो विचारों का ग़ुबार है वो बदल जायेगा ।

हम दिमाग़ में जितना अपनी समस्या को बड़ा करके देखते है वो वस्ताव में इतनी बड़ी नहीं होती । आप उसे लिखें ताकि उसका वास्तविक स्वरूप आपके सामने आ जाये । अपनी भावनाएँ भी साझां करे तथा दूसरों को भी सुनें ।सुश्री पुनिया ने इन चीजों से छुटकारा पाने के लिए दैनिक आधार पर योग, ध्यान और श्वास अभ्यास करने की सलाह दी। और उन्होंने इस तथ्य पर भी ध्यान केंद्रित किया कि स्वस्थ जीवन शैली जीने के लिए अपने खाने की आदतों पर काम करना चाहिए। इस अवसर पर आसमान फाउंडेशन के संस्थापक श्री मुनीश पुंडीर ने इस बात पर ध्यान केंद्रित किया है कि बच्चों को सोशल मीडिया का कम उपयोग करना चाहिए और उन्होंने इस बारे में भी बात की कि किसी को कृत्रिम जीवन में शामिल नहीं होना चाहिए, उसे वैसा जीवन जीना है जैसा वह मूल जीवन में है।इस में छात्रों ने स्वेच्छा से और उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत गणमान्य व्यक्तियों के साथ दीप प्रज्ज्वलन से होती है।

इसके बाद माननीय अध्यक्ष सर डॉ. गुरप्रीत सिंह और सम्मानित कार्यकारी निदेशक सुश्री कंवलजीत कौर ने सभी गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित किया ।

डीन छात्र कल्याण डॉ. विकास शर्मा ने स्वागत भाषण दिया है। प्रिंसिपल यूएलसी डॉ. रविंदर कुमार ने सभी का धन्यवाद दिया और सुश्री परमिंदर (मार्केटिंग-हेड यूजीआई) ने इस आयोजन को सफल बनाने में उनके योगदान के लिए सभी को धन्यवाद दिया

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