
डीडी न्यूज नेटवर्क
चण्डीगढ़।
दो चीज ऐसी हैं जिनके कारण हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में होता दिख रहा गठबंधन प्रस्ताव खटाई में पड़ सकता है। एक यह कि आम आदमी पार्टी की 20 सीटों की अपेक्षा के मुक़ाबले कांग्रेस 5 ही छोड़ने को तैयार है जिसे पर्याप्त नहीं माना जा रहा। पार्टी के प्रथम पंक्ति के 40 से अधिक उम्मीदवार हर हालत में चुनाव लड़ने की तैयारी में है। उन्हें और अन्य नेताओं को गठबंधन का प्रस्ताव ही व्यावहारिक नहीं लग रहा है।उनका मानना है कि चुनाव लड़ने से ही पार्टी का जनाधार बढ़ता है और इस समय आम आदमी पार्टी को सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का फायदा हो सकता है। इसी सिलसिले सिलसिले में शनिवार को आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने दिल्ली जाकर पार्टीके संगठन सचिव संदीप पाठक, प्रदेश अध्यक्ष डॉ सुशील गुप्ता सहित पार्टी के नेताओं से मुलाकात की और उन्हें अपनी भावनाओं से अवगत कराया।
इन लोगों को यह साफ नजर आ रहा है कि संसदीय चुनाव की तरह इस गठबंधन से भी कांग्रेस को ही लाभ होगा और आम आदमी पार्टी निश्चित तौर पर घाटे में रहेगी ।
इस संदर्भ में एक प्रमुख कारण यह भी सामने आया है कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवारों की दो सूची जारी होने के बाद दोनों दलों के निराश टिकटार्थी आम आदमी पार्टी की ओर रुख करने लगे हैं । बड़ी संख्या में ऐसे लोग प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सुशील गुप्ता से संपर्क स्थापित कर रहे हैं ये। अब पार्टी के नेताओं को यह यकीन होने लगा है कि इससे आम आदमी पार्टी को लाभ हो सकता है ।ऐसे में कांग्रेस का पिछलग्गू बनने की बजाय अपने दम पर चुनाव लड़ने का फैसला ज्यादा सही साबित हो सकता है । पार्टी के संगठन सचिव संदीप पाठक इस मामले में कोई निर्णय ले सकते हैं लेकिन इसके लिए अरविंद केजरीवाल की स्वीकृति जरूरी है और उनसे मिलने के लिए श्री पाठक अधिकृत नहीं बल्कि है अधिकार राघव चड्ढा को है ।ऐसे में अंतिम फैसला लेने के लिए राघव चड्ढा की अरविंद केजरी से मुलाकात की प्रतीक्षा की जा रही है। संभव है उनकी मुलाकात के बाद आम आदमी पार्टी 10 अक्टूबर से पहले उन 20 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दे जिनमें एक-एक नाम के पैनल तैयार किए गए हैं। इनमें कालका, पेहवा, कलायत, पानीपत ग्रामीण,जींद डबवाली गुरुग्राम और सोहना आदि शामिल है। इसमामल में कांग्रेस हाई मां कमान आम आदमी पार्टी को 5 से ज्यादा सीट देने को तैयार ही नहीं है उसके नेताओं को पता है कि सरकार बनी और आम आदमी पार्टी के कई विधायक बनकर आ गए तो वह कवाब में हड्डी बन जाएगे और इससे तरह-तरह की दिक्कतें पेश आने लगेंगी।
राजनीतिक पर्यवेक्षक यह मानकर चल रहे हैं कि आम आदमी पार्टी ने यदि सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ लिया तो राज्य में बड़ा उलटफेर देखने को भी मिल सकता है।
Leave a Reply