दहकौरा में हुआ सहकारी बैंक आपके द्वार का 52वां कार्यक्रम।- आज प्रजातंत्र का धनुष नारियों के हाथ में – नीलम अहलावत।- महिलाओं के बिना एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना सम्भव नहीं- नीलम अहलावत।

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दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com
16 अप्रैल, बहादुरगढ़। स्थानीय गांव दहकोरा की सामान्य चौपाल में सहकारी बैंक आपके द्वार के 52वें कार्यक्रम का आयोजन ग्रामिणों द्वारा आयोजित किया गया। ग्रामीणों द्वारा गांव में पहुंचनें पर दी झज्जर केन्द्रीय सहकारी बैंक लि0 की चेयरपर्सन एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक चेयरमैन एसोशिएशन हरियाणा की प्रधान नीलम अहलावत का जोरदार स्वागत किया गया।
चेयरपर्सन नीलम अहलावत ने उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत के पुरुष प्रधान देश में विकास के साथ-साथ तकनीकी विकास भी बहुत हो रहा है। अब बारी नारी प्रधान देश बनाने की। आर्थिक, राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं के हाथ में पहले किसी प्रकार की कोई शक्ति प्राप्त नहीं थी उन्हें केवल घर तक सीमित कर दिया जाता था, लेकिन आज महिलायें तकनीकी विकास में और आजादी की सभी लड़ाईयों में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है। यदि हम किसी प्रकार की स्वतंत्रता की बात करते हैं तो महिलाओं को मिलने वाले स्वतंत्रता के अधिकार बहुत कम है, लेकिन यदि किसी प्रकार की कोई गुणगान करने की बात है उसमें महिलायें पिछड़ी हुई है। परिवारिक प्रजातंत्र की मुखिया महिलायें होती हैं महिलाओं के बिना एक भारत श्रेष्ठ भारत की हम कल्पना नहीं कर सकते हैं। आज प्रजातंत्र का धनुष नारियों के हाथ में है। यदि एक पारिवारिक प्रजातंत्र की बात आती है तो हम एक महिला के बगैर इसकी चर्चा नहीं कर सकते हैं। गृहस्थी का ताना-बाना बनाकर सभी का ख्याल रखने वाली महिलायें आज भी प्रजातंत्र को संभालती है। सभी के खान-पान से लेकर सेहत का ख्याल रखने तक हर छोटे-बड़े गुस्से के पी जाने से लेकर उसके बलिदान भूल जाने तक महिलायें घर के बागडोर को को सहजता से संभाल लेती है। चाहे राजनीतिक प्रजातंत्र हो आज चारदीवारी से बाहर निकलकर सभी महिलायें अपनी एक पहचान बना रही हैं। यदि हम उदाहरण के रूप में देखें तो हमारी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ले सकते हैं आज केंद्र के सबसे शीर्ष पद पर आसीन द्रौपदी मुर्मू भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है। वहीं संसद में महिलाओं का प्रतिशत भी बीते कुछ सालों में 12ः के करीब आया है और मतदान करने वाली महिलाओं की संख्या में भी इजाफा हुआ है और अब यह 65ः के पार पहुंच गया है यह आंकड़ा राजनीतिक गतिविधियों में महिलाओं को भागीदारी को प्रदर्शित करता है। आज के कारोबारी जगत में प्रजातंत्र में महिलायें काफी हिस्सा ले रही हैं राजनीति के बाहर भी महिलायें अपना व्यापार में भी योगदान दे रही हैं। दी झज्जर केन्द्रीय सहकारी बैंक लि0 के द्वारा नाबार्ड के सौजन्य से महिलाओं को संयुक्त देयता समूह (ज्वांईट लाईविलिटी ग्रुप) की संरचना कर उन्हें पचास हजार तक की धनराशि उन्हें काम शुरु करने के लिए दी जाएगी। जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के क्षेत्र में एक अनूठा कदम है।
इस अवसर पर सरपंच कविता देवी, रमेश मास्टर, नान्हा प्रधान, राजू, जितेन्द्र, प्रदीप, सुनील, जयपाल, रामकिशन, तारांचद, निर्मला, सीता, कमलेश, सुमित्रा देवी, पुष्पा देवी, रेखा, भतेरी, बबीता, पूनम, रीना, कृष्णा, मिनाक्षी, दर्शना, ललिता देवी, रेखा देवी, गीता, यशवंती, कशिश, साबो देवी, गिन्नी, लक्ष्मी एवं ममता आदि मौजूद रहे।

गांव में नीलम अहलावत का जोरदार स्वागत किया गया।

गांव में महिलाओं को संबोधित करती नीलम अहलावत

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