भगवान परशुराम से पराक्रम, साहस और विरक्ति भाव की शिक्षा मिलती है – प्रवीण आत्रेय

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दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के प्रदेश महासचिव और भाजपा प्रवक्ता प्रवीण आत्रेय ने अंबाला में भगवान परशुराम जयंती पर मुख्यातिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि भगवान परशुराम अदम्य साहस और धैर्य के प्रतीक थे। उनसे हमें शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को ताकत का उपयोग अन्याय के विरुद्ध करना चाहिए। अन्याय से लड़ना मनुष्य का धर्म है। शक्ति अन्याय को रोकने के लिए है। शक्ति का ग़लत उपयोग मनुष्य को विनाश की ओर लेकर जाता है।
प्रवीण आत्रेय ने उपस्थित जनसमूह से आह्वान करते हुए कहा कि आज़ भगवान् परशुराम जयंती के पावन अवसर पर हम राष्ट्रहित में संकल्प लेते हैं। हमारे प्रयास राष्ट्र उत्थान, समाज में फैली कुरीतियों को समाप्त करने तथा मानवता की सेवा के लिए समर्पित होंगे।
प्रवीण आत्रेय ने कहा कि हमें नहीं भूलना चाहिए कि भगवान श्री राम ने परशुराम जी को ज्ञान, शील और धैर्य का मुनि कहा है। अक्षय तृतीया जैसी पवित्र तिथि पर अवतरित हुए भगवान परशुराम इस तिथि की महानता के अनुरुप अजर और अमर है। परशुराम जी की शिक्षानुसार मनुष्य का सब कुछ चले जाने के बाद भी ज्ञान मनुष्य के साथ रहता है। ज्ञान दान देने पर और बढ़ता है।
इस अवसर पर विशेष रूप से आमंत्रित पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा, हरियाणा भाजपा मीडिया प्रमुख संजय शर्मा, विरेश शांडिल्य तथा अखिल ब्राह्मण महासभा अम्बाला जिला अध्यक्ष कर्ण किशोर गौड़ ने भी अपने विचार रखे।

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