
धर्मपाल वर्मा
दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com चण्डीगढ़ भाजपा के हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह का भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का यह अर्थ नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी ने मौजूदा संसदीय चुनाव में जेपी के साथ गठबंधन जारी रखने का कोई ऐलान कर दिया था अभी तक ऐसा कुछ नहीं सामने आया। यह अलग बात है कि कल ऐसी कोई प्रगति हो जाए। सूत्र बता रहे हैं कि अभी पार्टी ने हिसार में लोकसभा की प्रत्याशी का ऐलान भी नहीं किया था और बृजेंद्र सिंह को कोई ऐसा संदेश भी नहीं दिया था कि उनकी टिकट काटी जा रही है परंतु बृजेंद्र सिंह उस पार्टी में आ गए हैं जिसमें उनके पिता श्री 40 वर्ष से भी अधिक समय तक विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहे यह अलग बात है की दावेदार होते हुए भी वे मुख्यमंत्री नहीं बना पाए और उन्हें ट्रेजेडी किंग तक कहा गया। अब चुनाव के समय बृजेंद्र सिंह का कांग्रेस में शामिल होने का कोई साधारण मतलब नहीं लगाया जाना चाहिए।
जानकारों के अनुसार वह बाकायदा एक बड़ी योजना के तहत कांग्रेस में आए हैं और उन्हें निश्चित तौर पर कांग्रेस के कुछ नेताओं का समर्थन जरुर प्राप्त है और उनकी एंट्री राहुल गांधी से पूरी मंत्रणा के बाद हुई है। चौधरी वीरेंद्र सिंह के परिवार का इस समय कांग्रेस में आना निश्चित तौर पर कांग्रेस के कलेवर को बदलने का काम कर सकता है। ऐसा लगता है कि अगले चुनाव में बृजेंद्र सिंह कांग्रेस के टिकट पर हिसार से चुनाव लड़ने वाले हैं यहां कांग्रेस को उम्मीदवार की तलाश थी बृजेंद्र सिंह और चौधरी वीरेंद्र सिंह को नए प्लेटफार्म की। बृजेंद्र सिंह हिसार में भाजपा और जेजेपी के उम्मीदवारों को हराकर दूसरी बार संसद में पहुंच गए तो यह घटना हरियाणा की राजनीति में निर्णायक साबित हो जाएंगी। हिसार वह लोकसभा क्षेत्र है जहां कांग्रेस प्रत्याशी तीनचुनाव से जमानत जप्त कराते आ रहे हैं।चौधरी वीरेंद्र सिंह ने भी 2009 के चुनाव में सोनीपत लोकसभा क्षेत्र से टिकट के लिए आवेदन किया था परंतु उस समय मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने व्यक्तिगत रुचि लेकर जितेंद्र मलिक को टिकट दिलवाई और वह भी चुनाव जीत गए थे। यही कारण है कि कुछ लोग बृजेंद्र सिंह को सोनीपत से भी कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में देख रहे हैं। चौधरी वीरेंद्र सिंह हिसार से सांसद रह चुके हैं उन्होंने चौधरी ओम प्रकाश चौटाला को हराकर यह चुनाव जीता था।
अब कुछ लोग यह मानने लगे हैं कि चौधरी वीरेंद्र सिंह एक रणनीति के तहत इंडियन नेशनल लोकदल को इंडिया गठबंधन में शामिल कराने का प्रयास कर कांग्रेस को मजबूत करने की कोशिश कर सकते है। वह इस प्रस्ताव को राहुल गांधी के समक्ष रख सकते हैं कि इंडियन नेशनल को एक या दो लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का मौका दे दिया जाए। चौधरी वरिंदर सिंह के कारण कुछ और लोग भी कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा कर सकते हैं। ऐसा लगता है कि कांग्रेस में चौधरी वीरेंद्र सिंह को फिर से बड़ा मान सम्मान मिलने वाला है और वह भी कांग्रेस के लिए कुछ बड़ा करने की कोशिश कर सकते हैं। यद्यपि बृजेंद्र सिंह कांग्रेस में शामिल होने के तुरंत बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह से मिलकर आए हैं लेकिन कांग्रेस में उनके प्रवेश के पीछे भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी होंगे ऐसा मुश्किल है। पता चला है कि कांग्रेस के किसी बड़े नेता ने बृजेंद्र सिंह को संदेश दिया था कि वे जॉइनिंग के समय दोनों हुड्डा पिता पुत्रों से फोन पर बात जरूर कर ले। बताते हैं कि दीपेंद्र हुड्डा से बात करने की कोशिश सफल नहीं हुई। चौ बीरेंद्र सिंह और बृजेंद्र सिंह राहुल गांधी से सीधे मिले हैं लेकिन हरियाणा की कांग्रेस की एक बड़ी नेत्री ने बड़ी योजना के तहत यह काम सिरे चढ़ाया है। उनका ट्वीट इस बात के संकेत दे रहा है इसी संदर्भ में सब यह मानकर भी चल रहे हैं कि बृजेंद्र सिंह हिसार से ही चुनाव लड़ेंगे। उनसे कांग्रेस की हिसार की मजबूत उम्मीदवार की जरूरत पूरी हो गई है। हिसार लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो एक बात और सामने आई है कि हिसार से भारतीय जनता पार्टी कैप्टन अभिमन्यु को टिकट देने की योजना पर काम कर रही है जबकि मुख्यमंत्री मनोहर लाल डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा को टिकट देने के पक्ष में है। उम्मीदवार तो कुलदीप बिश्नोई भी बताए गए हैं परंतु पार्टी उन्हें राजस्थान में किसी सीट से चुनाव लड़ाने की योजना पर काम कर रही है।
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