
Rahul kaswan M P
दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com। चंडीगढ़ नई दिल्ली से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यह कि हरियाणा मूल के एक दिग्गज जाट भाजपा नेता और मौजूदा सांसद कांग्रेस में शामिल हो रहे है। जब यह खबर सामने आई तो बहुत लोग यह चर्चा भी करते देखे गए कि यह नेता हरियाणा के एक मौजूद जाट सांसद उनके दिग्गज पिता हो सकते हैं। पाठक समझ गए होंगे कि यह जिक्र किसका हो रहा है परंतु अभी तक जो बात सामने आई है वह राजस्थान की राजनीति से जुड़ी हुई है चूरू के भाजपा सांसद राहुल कासवान भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। राहुल कसवान का विधानसभा के चुनाव में राजस्थान के पूर्व विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ से ऐसा 36 का आंकड़ा बन गया कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को छोड़ने का ही मन बना लिया है। राहुल के पिता राम सिंह चार बार के सांसद हैं उनकी माता कमला विधायक रही हैं यह परिवार 1991 से चुनाव जीतता आ रहा है। राम सिंह का परिवार कभी हरियाणा के भिवानी जिले के मतानी गांव से चुरू जिले के गांव में जाकर बस गया था। राहुल भारतीय जनता पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए तो लोकसभा के चुनाव में राजस्थान में कांग्रेस को शानदार मजबूती मिलेगी और जाट मतदाताओं में उसकी घुसपैठ और ज्यादा हो जाएगी।
यहां राजस्थान की भाजपा की राजनीति और क्रिया की प्रतिक्रिया के व्यवहार को समझना होगा। राहुल कसवां जाट हैऔर राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेंद्र राठौड़ राजपूत और दोनों पूर्व मुख्यमंत्री सिंधिया के नजदीकी नेताओं में गिने जाते थे ।राजेंद्र राठौड़ ने पिछला विधानसभा का चुनाव चूरू छोड़कर तारानगर से लड़ा लेकिन वे वहां चुनाव हार गए । स्थिति यह थी कि चुनाव जाट वर्सेस राजपूत हो गया। हार के बाद राजेंद्र राठौड़ ने अपनी हार का ठीकरा राहुल कसवा के सिर फोड़ना शुरू कर दिया ।कथित तौर पर उन्हें जयचंद बताया और इसका असर यह हुआ कि भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए जो लिस्ट जारी की उसमें मौजूदा सांसद राहुल कस्बा की टिकट काटकर देवेंद्र झांझरिया को दे दी।
इस झटके से दुखी राहुल कस्बा के परिवार ने 8 मार्च को अपने घर एक बैठक बुलाई जिसमें बड़ी संख्या में उनके समर्थक शामिल हुए और इन समर्थकों ने राहुल को राहुल गांधी की शरण में जाने मतलब कांग्रेस में शामिल होने की सलाह दे डाली। इसके बाद की प्रगति यह है कि राहुल कसवा आज नई दिल्ली में कांग्रेस में शामिल होने की घोषणा करने जा रहे हैं। जाहिर है पार्टी ने उन्हें चूरू से चुनाव लड़ाने की शर्त स्वीकार कर ली है। अभी चुनाव में बहुत कुछ होना बाकी है भारतीय जनता पार्टी की कुछ गलतियों का लाभ कांग्रेस को मिलता दिख रहा है। जहां तक चौधरी वीरेंद्र सिंह का सवाल है हालात कुछ इस तरह से बना रहे हैं कि वह भी भारतीय जनता पार्टी को छोड़ दें तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। चौधरी वीरेंद्र सिंह के परिवार की तरफ से तो पुष्टि नहीं हुई है लेकिन यह चर्चा भी आम है कि आज ही चौधरी वीरेंद्र सिंह भी कांग्रेस में शामिल होने का ऐलान कर सकते हैं।