डीपी वर्मा
दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com
चण्डीगढ़
वोट देने की बात आती है तो गरीब तबके के बहुत लोग आगे पीछे यह टिप्पणी करके अपनी नाराजगी दर्शाते हैं कि कौन वोट चाहने वाला उनकी सुध लेता है ,कोई उनके घर भोजन देने आता है, कौन उनके घर गेहूं डाल कर जाता है ,कौन उन्हें रियायत और राहत देता है ,कोई नहीं देता। इन परिस्थितियों को मध्य नजर रखते हुए कुछ राजनीतिक लोगों ने मतलब नेताओं ने लोगों को सीधी राहत देने की योजना के तहत अलग-अलग फार्मूले अप्लाई करके लोकप्रियता हासिल करने में सफलता प्राप्त की है। इसके पीछे राजनीतिक उद्देश्य साफ नजर आता है परंतु जनता के कल्याण के नाम पर कुछ मुख्यमंत्रियों ने इस संदर्भ में काम करना शुरू कर दिया है ।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी योजनाएं भी उनकी कामयाबी का एक बड़ा आधार मनी जा रही है ।शायद इसी मानसिकता के दृष्टिगत राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के बजट में गरीब लोगों को ₹500 में गैस सिलेंडर देने और महिलाओं को मुफ्त में मोबाइल फोन देने का एलान किया। अब डा भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष में 14 अप्रेल को मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के 1.06 करोड़ परिवारों को महंगाई से राहत दिलाने का निर्णय लिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री निःशुल्क अन्नपूर्णा फूड पैकेट योजना की कार्ययोजना का अनुमोदन किया है। इसके तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) से जुड़े परिवारों को निःशुल्क फूड पैकेट वितरित किए जाएंगे।
प्रत्येक पैकेट में चना दाल, चीनी, नमक एक-एक किलो, खाद्य तेल एक लीटर, मिर्ची पाउडर, धनिया पाउडर 100-100 ग्राम और हल्दी पाउडर 50 ग्राम सामग्री होगी। लाभार्थियों को लगभग 370 रुपए प्रति पैकेट (सभी व्ययों सहित) की लागत से फूड पैकेट आपूर्ति करने पर लगभग 392 करोड़ रुपए मासिक व्यय होगा। इस योजना के अंतर्गत पात्र व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन 24 अप्रेल से आयोजित होने वाले महंगाई राहत कैंपों में होगा।
यहां यह बताना जरूरी है कि इस योजना में सहकारिता विभाग द्वारा सामग्री क्रय कर फूड पैकेट तैयार किए जाएंगे और उचित मूल्यों की दुकानों (एफपीएस) को उपलब्ध कराए जाएंगे। इनका वितरण एफपीएस शाॅप्स (खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग) द्वारा किया जाएगा। इस पर पर्यवेक्षण सहकारिता विभाग द्वारा भी किया जाएगा। राजस्थान में इसी वर्ष दिसंबर में चुनाव होने हैं और इस चुनाव में यदि लगातार दूसरी बार कांग्रेस को ही कामयाबी मिल गई तो फिर भविष्य में जिन भी प्रदेशों में चुनाव होने हैं वहां की सरकारें इसी तरह की योजनाओं को लागू करने के लिए आगे आ सकती हैं मतलब इस योजना का अनुसरण संभव है।