साइबर ठगी नहीं है राकेट साइंस, मोडस ऑपरेंडी समझें : ओ पी सिंह आईपीएसस्टेट क्राइम ब्रांच के एटीएम सेल में देखें जायेंगे साइबर क्राइम केस, बोले अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक।

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डीपी वर्मा

दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com

चंडीगढ़, 13 अप्रैल – साइबर ठगी कोई राकेट साइंस नहीं है, इंटरनेट और स्मार्टफोन्स की दुनिया में हर कदम पर आपको सतर्क रहने की जरूरत है. क्योंकि थोड़ी सी लापरवाही लाखों की चपत लगवा सकती है. समय समय पर हम ने साइबर मोडस ऑपरेंडी पर एडवाइजरी भी जारी करते आ रहे है. इसके अलावा प्रदेश स्तर पर साइबर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है . ईआरएसएस 112 बिल्डिंग में आयोजित ट्रेनिंग सेशन के शुभारंभ के मौक पर उक्त शब्द स्टेट क्राइम ब्रांच चीफ ओ पी सिंह , आईपीएस ने ट्रेनिंग की अध्यक्षता के दौरान प्रशिक्षित होने आये राज्य अपराध शाखा के एटीएम सेल में तैनात पुलिस कर्मियों को कही .
विदित है की स्टेट क्राइम ब्रांच , प्रदेश की साइबर नोडल संस्था है . प्रदेश में साइबर से जुड़े ट्रेनिंग मुद्दों से लेकर साइबर थानों के समन्वय व सञ्चालन की ज़िम्मेदारी स्टेट क्राइम ब्रांच पर ही है .

60 पुलिस कर्मियों को दी गई साइबर क्राइम इन्वेस्टीगेशन ट्रेनिंग
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पंचकूला स्थित ईआरएसएस 112 बिल्डिंग में ऑडिटोरियम में उक्त ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न रैंक के अनुसंधानिक अधिकारी उपस्थित रहे . ट्रेनिंग सेशन साइबर एक्सपर्ट अंकुश कुमार ने आयोजित किया जिसमें ट्रेनिंग में शामिल सभी अधिकारी और कर्मचारियों को 1930 साइबर हेल्पलाइन पोर्टल पोर्टल में उपलब्ध टूल्स को समझाते हुए इसके प्रभावी उपयोग पर बल दिया. ट्रेनिंग में पोर्टल के संचालन के बारे में प्रशिक्षणार्थियों को विस्तार से जानकारी दी गई. अंकुश कुमार ने बताया की साइबर हेल्पलाइन 1930 को पहले 155260 के नाम से जाता था लेकिन भारत सरकार द्वारा अप्रैल 2022 माह में इसको बदल दिया गया . साइबर हेल्पलाइन पुरे देश में लागू की जा चुकी है जहाँ पर आर्थिक साइबर अपराध होते ही अपनी शिकायत दर्ज करवाने का प्रावधान है .

साइबर हेल्पलाइन की कार्यप्रणाली समझी, क्या है 1930 पर शिकायत करने की प्रक्रिया*
साइबर एक्सपर्ट अंकुश कुमार ने प्रशिक्षण के लिए आये पुलिस कर्मियों को साइबर हेल्पलाइन 1930 के संचालन के बारे में समझाया . ट्रेनिंग के दौरान बताया गया कि आर्थिक अपराध होने कि स्थिति में पीड़ित अपनी शिकायत जैसे ही साइबर हेल्पलाइन पर कि जाती है उसी समय टीम 1930 फ्रॉड किये गए रुपयों को ब्लॉक करने के लिए बैंकिंग संस्थाओं व पेमेंट पोर्टल पर संपर्क करते है और पैसे को तुरंत फ्रीज़ करने के निर्देश दिए जाते है .

स्टेट क्राइम ब्रांच के एटीएम सेल में होगी साइबर क्राइम के केसों की तफ्तीश
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि स्टेट क्राइम ब्रांच में वर्तमान में 22 एटीएम सेल कार्यरत है . अब एटीएम सेल साइबर अपराध से सम्ब्नधित केस की तफ्तीश भी की जाएगी. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, क्राइम ने साइबर अपराध के बढ़ते केस के चलते यह निर्णय लिया है .ट्रेनिंग सेशन के दौरान एटीएम सेल में तैनात पुलिस कर्मियों को सोशल मिडिया पर होने वाले अपराधों के बारे में बताया गया. ट्रेनिंग सेशन के दौरान पुलिस कर्मियों को खाते में फ्रीज़ की गई पीड़ितों की रकम को वापस दिलवाने की एसओपी के बारे में बताया गया . उसके अतिरिक्त पीड़ित की गाढ़ी कमाई जल्द से जल्द उसके खाते में वापस आये इसके लिए भी ट्रेनिंग दी गई ताकि केस को जल्दी सुझाया जा सके . वहीँ साइबर एक्सपर्ट ने साइबर क्राइम के लेटेस्ट ट्रेंड्स के बारे में जानकारी दी

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