धार्मिक दंगे मुल्क की संस्कृति और पहचान के ख़िलाफ़- मौलाना रहमान। मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना ।

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डीपी वर्मा

दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@admin

कैथल हाल ही में पश्चिमी बंगाल और बिहार शरीफ में हुए धार्मिक दंगों पर चिंता व्यक्त करते हुए मौलाना मोहम्मद सैयदूर रहमान, कैथल सदर जमियत उलेमा ऐ हिन्द ने कहा कि किसी भी धर्म के त्यौहार पर दंगे फसाद, लड़ाई झगड़ा हमारे मुल्क के भाईचारे और संस्कृति के खिलाफ है । भारत देश अपनी गंगा जमुनी तहजीब, आपसी भाईचारे और अपनी संस्कृति के लिए पूरे संसार में प्रसिद्ध है और देश की अनेकता में एकता पूरे विश्व के लिए एक उदाहरण है।

हर धर्म का त्यौहार आपसी भाईचारे प्रेम और प्यार का प्रतीक है । रमजान और नवरात्रों के पवित्र महीने में किसी भी धर्म के लोगों और उनके धार्मिक स्थानों चाहे वह मंदिर हो मस्जिद पर हमला करना हमारी संस्कृति के खिलाफ है। इस मुल्क में रहने वाले सभी धर्मों के लोगों को कोई सोचना होगा कि किसी भी धार्मिक स्थल को निशाना बनाकर हम अपने ही धर्म व मुल्क को ही बदनाम कर रहे हैं। दूसरे देशों में बैठी देश विरोधी ताक़तें ऐसे मौके और माहौल का फ़ायदा उठाकर देश विरोधी गतिविधियाँ करती है।
मुल्क के युवाओं व धार्मिक संस्थाओं से जुड़े लोगों का दायित्व है कि वह इस तरह की धार्मिक दंगों घटनाओं से दूर रहे वह अपने देश कि सभ्यता और संस्कृति को बचाने में सहयोग करें।

मौलाना मोहम्मद सैयदूर रहमान,

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