डीपी वर्मा
दक्ष दर्पण समाचार सेवा
कैथल 4 अप्रैल स्वास्थ्य कर्मचारियो के पहले से स्वीकृत पदो मे कटौती के निर्णय को वापिस लेने तथा आबादी के अनुसार नये पद स्वीकृत करने की मांग को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य कर्मी मई के दूसरे सप्ताह मे राज्य की हजारो पचायतो द्वारा पारित प्रस्ताव की प्रतिया स्वास्थ्य मन्त्री अनील विज को उनके अम्बाला आवास पर सौपेगे। यह महासचिव सतापाल खासा , उपप्रधान सुमित्रा देवी तथा प्रैस सचिव राकेश सिवाच ने बताया कि गत 1 जनवरी 2023 से प्रतिदिन जो ग्राम पचायतो व नगर पार्षदो द्वारा पारित प्रस्ताव राज्य के मुख्यमन्त्री , स्वास्थ्य मन्त्री सहित सरकार के तमाम मन्त्री, सांसद, विधायक तथा आला अधिकारी को भेजने का क्रम शुरू किया था, उसको तेज करते हुए अब ग्राम व वार्ड स्तर पर नुक्कड बैठक कर स्वास्थ्य कर्मियो के समाप्त पदो के कारण जनता को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओ पर पडने वाले कुप्रभावो की जानकारी जन जन तक पहुचाने का प्रयास करेगे और उक्त जन आन्दोलन तब तक जारी रखेगे जब तक पदो की बहाली नही होती। उन्होने बताया कि बीते वर्षो मे कोविड महामारी व डेगू के मामलो को देखते हुए जहा प्रदेश मे बहुउद्वेशीय स्वास्थ्य कर्मचारियो के पदो मे बढौतरी करके नई नियमित भती करनी चाहिये थी , वही पर कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच स्वास्थ्य विभाग की योजना शाखा के तत्कालीन निदेशक ने भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मांपदड के आबादी आधारित नोरम को दरकिनार कर सरकार को गुमराह करके लाखो की आबादी वाले फरीदाबाद , गुरूग्राम, पानीपत, रोहतक, हिसार, कैथल , जीन्द, पंचकूला व करनाल जैसे बडे शहरो तथा एक लाख से कम आबादी वाले चरखी दादरी , नूह, नारनौल व झज्जर जैसे छोटे शहरो के लिए एक समान 6 पुरूष एम.पी.एच.डब्लू तथा एक पुरूष स्वास्थ्य सुपरवाईजर के पद रखकर महिला एम.पी.एच.डब्लू. के तमाम पदो को समाप्त करने का तुगलकी आदेश जारी करवा दिया । उक्त तुगलकी आदेश के लागू होने से राज्य के सभी जिला स्तरीय व उपमण्डल स्तरीय शहरो व ग्रामीण आंचल मे स्थित स्वास्थ्य केन्द्रो मे पहले से स्वीकृत 333 पुरूष व 150 महिला एम.पी.एच.डबलू. तथा 181 पुरूष व 38 महिला स्वास्थ्य सुपरवाईजर के पदो सहित 1500 से ज्यादा पदो के समाप्त होने से स्वास्थ्य सेवाये चरमरा कर रह जायेगी क्यो कि इसमे भी आलम यह है कि शहरी क्षेत्र मे महिला एम.पी.एच.डब्लू. के तो सभी पदो को ही समाप्त कर दिया गया है और जिला व उपमण्डल स्तर के नागरिक हस्पतालो मे जहा जच्चा बच्चा देखभाल के लिए बडे दावे किये जा रहे है, वही पर मासूम बच्चो को रोग प्रतिरोधक टीकाकारण करने तथा परिवार नियोजन के कार्य की जिम्मेवारी वहन करने वाले पी0पी0सैन्टर को भी नोरम से हटा दिया गया है। विभाग की योजना शाखा के उक्त निर्णय के विरोध मे स्वास्थ्य सुपरवाईजर संघ व बहुउद्वेशीय स्वास्थ्य कर्मचारी एशो0 ने आन्दोलन करते हुए गत 22 अगस्त को पंचकूला स्थित स्वास्थ्य भवन पर धरना दिया था जिसके उपरान्त तत्कालीन महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाये हरियाणा ने भरोसा दिया था कि कोई भी समाप्त नही किया जायेगा। कर्मचारी नेताओ ने बताया कि आश्वासन के बावजूद पदो को पोर्टल से हटाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होने बताया कि प्रदेश की जनता को जहा गत वर्ष 2020 व 2021 मे कोविड महामारी ने सताया था वही पर पिछले दो वर्षे से डेगू ने भी कहर बरसाया हुआ है और अब कोविड के नये वायरस ने पुन खतरे की घण्टी बजा दी है। उन्होने बताया कि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार तथा सरकार के नोरम अनुसार राज्य मे 4200 उप स्वास्थ्य केन्द्रो के विपरित केवल 2727 उप स्वास्थ्य केन्द्र है। उन्होने मुुख्य मन्त्री व स्वास्थ्य मन्त्री से प्रदेश की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाये प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य कर्मचारियो के समाप्त पदो को बहाल करने, राज्य मे आबादी के अनुसार नये पद सृर्जित करने और रिक्त पदो पर नियमित भती करने, पदोन्नत पद स्वास्थ्य सुपरवाईजर को एफ.पी.एल 7, एस.एम.आई0. को एफ पी.एल. 8, ए.यू.ओ. को एफ पी एल 9 तथा ए.एम.ओ. को एफ पी.एल 10 का संशेांधित वेतनमान देने, एन.एच.एम. के तहत कार्यरत महिला एम.पी.एच.डब्लू. को नियमित कर्मचारिका की भांति 4200 ग्रेड पे देने, अनुबन्धित कर्मचारियो को नियमित करने की मांग दोहराई।