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पुलिस अधीक्षक मोहित हाण्डा ने आज पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि गांधीनगर थाना प्रभारी सुभाष चंद्र व जांच अधिकारी एएसआइ संजीव कुमार पर रिश्वत लेने के मामले में जांच के बाद केस दर्ज किया गया। उन्होंने बताया कि सुभाष चंद्र व संजीव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। शिकायत के आधार पर केस दर्ज किया गया है। आगे तफ्तीश एएसपी जसलीन कौर द्वारा की जा रही है। इस केस में किसी और भी संलिप्ता होगी तो उस पर भी कार्रवाई होगी। किसी भी तरह के काम के लिए रिश्वत मांगना कानूनन अपराध है। जो भी इस तरह के कृत्य में शामिल होगा। उस पर निश्चित कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि 30 अगस्त 2022 को चांदपुर निवासी आशिक, उसके भाई आशिफ, पिता आरिफ व एक अन्य जाहिद के खिलाफ छीनाझपटी, मारपीट व धमकी देने का केस गांधीनगर थाना में केस दर्ज हुआ था। इस केस में ही धारा कम करने के नाम पर आशिक से गांधीनगर थाना प्रभारी सुभाष चंद्र व जांच अधिकारी संजीव कुमार पर दो लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप लगे। आशिक का आरोप है कि उनके खिलाफ झूठा मुकदमा बिना तफ्तीश किए दर्ज किया गया। इस केस में आशिक को अग्रिम जमानत हाई कोर्ट से मिल गई थी। जबकि उसके पिता की जमानत जगाधरी में सेशन जज शालिनी नागपाल की कोर्ट से हुई थी। 25 नवंबर को वह अपने साथी ससौली निवासी विकास कुमार के साथ जांच अधिकारी संजीव कुमार से मिले और केस की सही तफ्तीश करने के लिए अनुरोध किया था। जिस पर जांच अधिकारी ने उसे कहा कि उसके पिता आरिफ का नाम निकाल दिया जाएगा। 379 बी धारा की जगह 379 कर दी जाएगी। इसके लिए थाना प्रभारी सुभाष चंद्र से मिलवाया। जांच अधिकारी व थाना प्रभारी ने दो लाख रुपये की मांग की। जिस पर दो दिसंबर को उन्हें दो लाख रुपये दे दिए। उनका आरोप था कि उनके पिता का नाम केस नहीं निकाला गया और न ही धारा बदली। थाना प्रभारी व जांच अधिकारी से पैसे वापस मांगे तो उन्होंने पैसे भी वापस नहीं किए और कहा कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकती। दोनों को अदालत में पेश कर 1 दिन के रिमांड पर लिया गया।