एमआईसीई से हरियाणा में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा – कंवर पाल।हरियाणा में पर्यटन क्षेत्र में अग्रणी बनने की अपार संभावनाएं

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दक्ष दर्पण समाचार सेवा dakshdarpan2022@gmail.com


चंडीगढ़, 28 मार्च- हरियाणा के विरासत एवं पर्यटन मंत्री श्री कंवर पाल ने कहा कि हरियाणा में एमआईसीई माॅडल (मिटिंग, इन्सेंटिव, कान्फ्रेंस एण्ड एग्जीबिशन) से पर्यटन क्षेत्र को अग्रणी बनाने की अपार सम्भावनाएं है। उन्होंने कहा कि आई टी क्षेत्र गुरुग्राम एवं दिल्ली से बेहतर कनेक्टिविटी होने के कारण हरियाणा में पर्यटन के लिए एमआईसीई मॉडल देशभर में   बेहतर विकल्प साबित होगा।    

श्री कंवर पाल ने यह बात आज नई दिल्ली में पर्यटन मंत्रालय द्वारा पर्यटन को मिशन मोड में बढ़ावा देने के लिए रणनीति तैयार करने हेतू आयोजित दो दिवसीय चिंतन शिविर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि एमआईसीई मॉडल से पर्यटन को बढावा देने के लिए बड़े स्तर पर लोगों को एकत्रित किया जा सकता हैं। इसमें सम्मेलन, व्यापार शो, खेल आयोजन, प्रोत्साहन, शैक्षणिक संगोष्ठियां और व्यावसायिक विकास की कार्यशालाएं आदि शामिल है। इसके अलावा व्यावसायिक यात्रियों एवं पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए भी विशेष रूप से कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।  

उन्होंने कहा कि एमआईसीई पर्यटन को बढावा देने और आर्थिक क्षेत्र को मजबूत करने तथा रोजगार को बढ़ावा देने का सरकार का दूरदर्शी विजन है। इसके तहत हरियाणा के पंचकुला, यमुनानगर, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार और महेंद्रगढ़ में पर्यटन को विकसित किया जाएगा।    

पर्यटन मंत्री ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की दूरदर्शी सोच से राज्य में पर्यटन क्षेत्र में कई गुणा विकास हुआ है। हरियाणा के अरावली पर्वत श्रृंखला के गुरुग्राम और नूंह जिले में लगभग 10,000 एकड़ भूमि पर दुनिया का सबसे बड़ा जंगल सफारी पार्क विकसित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

हरियाणा एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का केन्द्र है जो पर्यटकों एवं आगंतुकों को वैदिक काल का अनुभव करवाती है। राज्य के अपने समृद्ध रीति-रिवाज और परंपराओं के साथ ही लोकगीत है जो अपनी महान सांस्कृतिक विरासत को भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में जन जन तक पहुंचा रहे है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हरियाणा के ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने और ग्रामीणों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से होम स्टे नीति बनाई है। इसके तहत पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति से रूबरू होने का भी मौका मिलेगा।

उन्होंने कहा कि गीता जयंती महोत्सव और सूरजकुंड मेलों से पहले ही हरियाणा नें दुनियाभर में अमिट छाप छोड़ी है। इसके अलावा साहसिक खेलों के लिए पंचकूला के टिक्कर ताल, मोरनी हिल्स क्षेत्र को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विकसित किया जा रहा है। इस प्रकार हरियाणा में एमआईसीई से पर्यटन को विकसित करने के लिए वैश्विक  व्यापार को ओर अधिक बल मिलेगा।

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